इस विटामिन की कमी से महिलाओं का शरीर हो जाता है कमजोर, बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा
महिलाएं अपने स्वास्थ्य के प्रति काफी लापरवाह होती हैं। डाइट से लेकर फिजकल एक्टिविटी तक हर चीज में खुद को पीछे रखती हैं। जबकि उम्र से साथ-साथ महिलाओं के शरीर में होने वाले बदलाव की वजह से उनके अंदर विटामिन और दूसरे पोषक तत्वों की कमी ज्यादा होती है। महिलाओं को स्वस्थ रहने के लिए विटामिन डी की बहुत जरूरत होती है। अगर शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाए तो इससे कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। प्रेगनेंसी और बढ़ती उम्र में शरीर में विटामिन डी कम होने लगता है। विटामिन डी की कमी से इम्यूनिटी कमजोर होती है, हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।
महिलाओं के लिए विटामिन डी
कई रिसर्च में ये सामने आ चुका है कि जिन महिलाओं के शरीर में विटामिन डी कम होता है उन्हें हार्ट फेल, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। प्रेगनेंसी के वक्त विटामिन डी की कमी से प्री एक्लेप्सिया, गेस्टेशनल डायबिटिज की स्थिति पैदा हो सकती है।
विटामिन डी की कमी होने पर आप डाइट या फिर नेचुरल सप्लीमेंट्स का सहारा ले सकते हैं। डॉक्टर की सलाह पर विटामिन डी के कैप्सूल भी खा सकते हैं। विटामिन डी का सबसे बड़ा सोर्स है धूप। इसके लिए सुबह के वक्त करीब 11 बजे तक की धूप सेंक लें। इससे शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरा किया जा सकता है।
विटामिन डी की कमी के लक्षण
जल्दी बीमार पड़ना-
शरीर में विटामिन डी की कमी से इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है। शरीर किसी भी वायरस, बीमारियों और बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता खोने लगता है। विटामिन डी कम होने पर फ्लू, बुखार और सर्दी खांसी परेशान करती है। इससे इम्यून सिस्टम कमजोर होने लगता है।
बहुत थकान और कमजोरी-
उम्र के साथ महिलाओं को थकान और कमजोरी महसूस होने लगती है। इसकी बड़ी वजह शरीर में विटामिन डी की कमी भी हो सकती है। अगर आपको टेंशन बढ़ रही है तो ऐसा विटामिन डी की कमी से भी हो सकता है। ऐसी स्थिति में हर वक्त थकान और कमजोरी महसूस होती है।
हड्डियां कमजोर-
विटामिन डी कम होने पर हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए कैल्शियम और विटामिन डी दोनों की जरूरत होती है। हड्डियों को मजबूत बनाने और कैल्शियम के अवशोषण के लिए विटामिन डी जरूरी है। विटामिन डी की कमी से बोन डेंसिटी और फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है।
चोट ठीक होने में देरी-
अगर शरीर में विटामिन डी कम हो जाता है तो इससे किसी भी चोट को ठीक होने में समय लगता है। सर्जरी या घाव देरी से भरते हैं। जिन लोगों के शरी में विटामिन डी की कमी होती है उनके जख्म देरी से भरते हैं।
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