अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से प्रसव के डेढ़ घंटे के बाद बच्चे की हुई मौत

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नवगछिया सामुदायिक अस्पताल रंगरा में अस्पताल में जेनरेटर की सुविधा नदारत मरीजों से पैसा लेकर जेनरेटर में तेल भरवाया जाता है, आधे घंटे तक जेनरेटर स्टार्ट नहीं होने के कारण ऑक्सीजन सप्लाई में दिक्कत होने कारण बच्चों की हुई मौत जिले में अस्पताल की लचर व्यवस्था को लेकर लगातार सवाल उठाते रहते हैं दुर्घटनाएं भी होती है आवाज उठाते हैं हंगामा होता है लेकिन यह तो बिहार है भाई यहां ऐसा ही होता है यहा के कर लोग घटनाओं को भूल जाते हैं लेकिन कई घटनाएं दिलों में टिस दे जाती है ताजा मामला भागलपुर जिले के नवगछिया के रंगरा सामुदायिक अस्पताल का है जहां पर मधेपुरा से पहुंचे दंपति अपने प्रसव को लेकर अस्पताल पहुंचे थे।

जहां अस्पताल प्रशासन की लापरवाही की वजह से बच्चे की जन्म होने के डेढ़ घंटे के बाद मौत की सूचना दी जाती है मधेपुरा जिले के मोहम्मद सऊद आलम अपनी पत्नी के साथ रंगरा अस्पताल पहुंचे थे जो कि अपने 5 साल के बाद अपने बच्चों के जन्म होने से पूर्व काफी खुश थे और बच्चे के प्रसव होने के डेढ़ घंटे के बाद बच्चे को डॉक्टर के द्वारा मृत घोषित कर दिया गया. बता दें की घटना का आंखों देखा हाल मौके पर मौजूद परिजनों ने पत्रकारों को बताया जिसे उन्होंने बताया कि जब बच्चे ने 2:40 पर जन्म लिया तो बच्चा पूर्ण रूप से स्वस्थ था इसकी जानकारी हमें नर्स ने भी दी थी और उन्होंने कहा था कि बच्चों को हमने अभी ऑक्सीजन लगाया हुआ है और बच्चा ठीक-ठाक है लेकिन अचानक बिजली कट जाने के कारण जनरेटर सुविधा उपलब्ध आधे घंटे तक नहीं हो पाई कारण क्या था कि मौके पर जनरेटर की देखरेख करने वाले मौजूद नहीं थे और जब वह पहुंचे तो जनरेटर में तेल नहीं था जनरेटर में तेल डालने और उसे चालू करने में करीब 20 से 25 मिनट का समय लग गया इस वजह से की ऑक्सीजन की आपूर्ति बच्चे को नहीं हो पाई और बच्चे की मौत हो गई.

हालांकि जब अस्पताल प्रभारी डॉक्टर रंजन से बातचीत की गई तो उन्होंने अपने स्टाफ को धमकाते हुए पूछा क्या बच्चा ठीक-ठाक बच्चा रो रहा था तो डरे सहमे आशा नर्स डॉक्टर और आशा नर्सो ने कहा कि सर बच्चा नहीं रो रहा था.

लेकिन इसका विरोध परिजन कर रहे हैं और कह रहे हैं कि डॉक्टरों और अस्पताल प्रभारी की मिली भगत और अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से बच्चे की मौत हुई है घटना के बाद अस्पताल में स्थानीय लोगों सैकड़ो की संख्या में जमा हो गए और अस्पताल में हंगामा करने लगे इसके बाद मौके पर रंगरा थाना की पुलिस पहुंची और 112 की रिपोर्ट आई वहीं अस्पताल प्रशासन पर परिजनों की मांग है अस्पताल प्रशासन एवं अस्पताल में जनरेटर सप्लाई देखने वाले ठेकेदार पर भी एफआईआर किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटना ना हो जिस वजह से किसी की जान जाए.

वही पत्रकारों से बातचीत करते हुए सामुदायिक अस्पताल रंगरा के अस्पताल प्रभारी डॉक्टर रंजन ने बताया कि हमारे अस्पताल में संसाधनों की कमी है जिस वजह से बच्चों के प्रसव को लेकर हम दुविधा में रहते हैं हमारे पास शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं है.

अस्पताल में आशा के भरोसे ही महिलाओं का प्रसव होता है Dr रंजन कुमार अस्पताल प्रभारी.

वही मौके पर मौजूद मृत बच्चों के मौसा ने बताया कि अस्पताल के कुछ दूरी पर अर्जुन एएनएम कॉलेज है जो की नर्स को ट्रेंड करने के लिए अपने छात्रों को अस्पताल भेज देता है जहां पर मरीजों के जीवन के साथ अस्पताल में ट्रेनिंग नर्स खिलवाड़ करते हैं और मोबाइल चलाते हैं ड्यूटी के दौरान नर्स एवं डॉक्टर सभी मोबाइल पर लगे रहते हैं परिजन चालान चलाते रहते हैं लेकिन उनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है.

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.
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