अमेरिका में एक महिला को दवा दुकानदार ने गलती से गर्भ-निरोधक यानी अबोर्शन की गोलियां दे दीं. इस वजह से गर्भवती महिला के पेट में पल रहे दो जुड़वा बच्चों की मौत हो गई. तिमिका थोमस नाम की ये महिला अमेरिका के लास वेगास शहर की रहने वाली है. महिला ने 2019 में ही मां बनने का फैसला किया था, मगर 30 साल से ज्यादा उम्र होने और पहले से ही कई ऑपरेशन होने की वजह से उसे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था.
प्रेग्नेंट होने में आ रही कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए महिला और उसके पति ने फैसला किया कि वह आईवीएफ के जरिए बच्चा पैदा करेंगे. ये प्रक्रिया बहुत ही ज्यादा खर्चीली होती है. ऊपर से ये परिवार ज्यादा अमीर भी नहीं था. हालांकि, इन सब चुनौतियों के बाद भी चार बच्चों के माता-पिता ने फैसला किया कि वह फिर से पैरेंट्स बनेंगे. लेकिन उन्हें मालूम ही नहीं था कि उनकी खुशियों को ऐसी नजर लगेगी कि उनकी जिंदगी ही उजड़ जाएगी.
आईवीएफ प्रोसेस पूरा कर डॉक्टर्स ने दी छुट्टी
दरअसल, डॉक्टर्स ने आईवीएफ की प्रक्रिया पूरी की और फिर दवाइयां लिखकर महिला को अस्पताल से छुट्टी दे दी. जिन दवाइयों को लिखा गया था, उसमें से एक दवाई का काम हॉर्मोन प्रोडक्शन को बढ़ाना था, ताकि प्रेग्नेंसी की शुरुआत हो सके. अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद महिला लास वेगास की एक दवा की दुकान पर गई और उसने वहां से दवाइयों को खरीद लिया. महिला और उसके पति को लग रहा था कि अब जल्द ही वे पैरेंट्स बन जाएंगे.
गलत दवा खाने से हुई बच्चों की मौत
द मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, तिमिका ने दो डोज दवाई खाई और उसे लगने लगा कि कुछ गड़बड़ है. उसने बताया कि उसे बहुत ज्यादा दर्द होने लगा. ये बेदह ही पीड़ादायक था. जब तिमिका ने दवा को देखा, तो उसे मालूम चला कि उसने जिस दवाई को खाया है, असल में वह अबोर्शन के लिए है. इस तरह उसकी कोख में पल रहे दो जुड़वा बच्चों की मौत हो गई. जैसे ही महिला को इस बात की जानकारी लगी और चीख-चीखकर रोने लगी.
कैसे हुई इतनी बड़ी गलती?
दरअसल, जिस दवा की दुकान से महिला ने दवाई ली थी. वहां पर दवाइयों का कैटेलॉग बनाने में दो टेक्निशियन और दो फार्मासिस्ट ने गलती की. यही वजह थी कि जब तिमिका दवा लेने आई, तो उसे कैटेलॉग में हुई गड़बड़ी की वजह से गलत दवा दे दी गई. दवा की दुकान के खिलाफ एक केस दर्ज किया गया है. नेवाडा स्टेट बोर्ड ऑफ फार्मेसी ने दुकान के मालिक को कहा है कि वह महिला को 10 हजार डॉलर यानी लगभग आठ लाख रुपये का मुआवजा दे.