Voice Of Bihar

खबर वही जो है सही

भ्रमरपुर मणिद्विप की दुर्गा मैया है बहुत जागृत; जानिए मां के दरबार की खासियत

ByRajkumar Raju

अक्टूबर 22, 2023 #Bhramarpur Durga Mandir
20231018 145809

आज भ्रमरपुर माँ दुर्गा की मूर्ति पिंडी पर स्थापित किया गया। ज्ञात हो कि भ्रमरपुर दुर्गा मंदिर की स्थापना वीरबन्ना ड्योढी के पूर्वज राजा बाबू बैरम सिंह के द्वारा सन 1684 ई. में किया गया था। बाद में सन 1765 ई.में राजा बाबू बैरम सिंह के दोस्त जागीरदार मनोरंजन झा के द्वारा दुर्गा मंदिर को काली मंदिर के पास से स्थान बदलकर वर्तमान जगह पर किया गया।

उस समय मंदिर मिट्टी दीवाल और फूस से बना हुआ था। सन 1973 ई. में भ्रमरपुर के ग्रामीणों के सहयोग से भव्य मंदिर का निर्माण किया गया। अभी वर्तमान में भी मन्दिर का गुंबज निर्माण कार्य हो रहा है। आज भी जागीरदार मनोरंजन झा के वंशज गिरिश चंद्र झा के परिवार से कलश स्थापना दिवस यानी पहली पूजा से दशमी पूजा तक सन 1890 ई. से ही प्रत्येक दिन एक बकरे की बलि दी जाती है।

मंदिर के अंदर गर्भगृह है जहां पर कलश स्थापना की जाती है। भाजपा नेता इंदु भूषण झा ने बताया कि नारायणपुर प्रखंड के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ मणिद्वीप दुर्गा मंदिर भ्रमरपुर शक्ति की देवी की रूप में जाने जाते हैं। यहां के लोगों का मानना है कि जो भी भक्त सच्चे मन से मां की आराधना करते हैं, उनकी मनोकामना पूरी होती है।
दुर्गा पूजा के अलावा यहां पर सालों भर भक्तों का तांता लगा रहता है।

IMG 20231022 WA0107

यहां बांग्ला पद्धति एवं तांत्रिक पद्धति से मां की पूजा होती है। यहां खगड़िया, मधेपुरा, बांका, भागलपुर, बेगूसराय, पूर्णिया, नवगछिया सहित अन्य जिलों से श्रद्धालु खोईछा देने व मनोकामना के लिए आते हैं। यहां संध्या आरती में एक पूजा से ही लगभग 25 गांव के लोग शामिल होते हैं।

दुर्गा मंदिर के पूजा में मुख्य आचार्य अभिमन्यु गोस्वामी होते हैं। प्रतिमा का विसर्जन दुर्गा मंदिर परिसर में ही बने पोखर में किया जाता है। इस अवसर पर लाखों श्रद्धालु पहुंच कर मां दुर्गा का आर्शीवाद प्राप्त करते हैं।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *