दुर्गा पूजा : भागलपुर में जोरशोर से चल रही तैयारी ; इस बार चतुर्थी तिथि दो दिन तो महाअष्टमी व नवमी एक दिन
भागलपुर। मोहदीनगर दुर्गामंदिर में संध्या के समय 108 दीपक जलाये गये। इसके बाद चांदी की थाली में मां का भोग लगाया गया। अध्यक्ष राकेश रंजन केशरी ने बताया कि मां दुर्गा का वस्त्रत्त् बनारस से विशेष तौर पर मंगवाया गया है। यहां हर दिन महिलाओं द्वारा संध्या में भजन किया जायेगा। इसकी गुरुवार से शुरुआत हो गयी।
सुबह पांच बजे से ही था कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
जगन्नाथ मंदिर के पंडित सौरभ कुमार मिश्रा ने बताया कि कलश स्थापना पूजन के लिए सुबह पांच बजे से लेकर दोपहर तीन बजे तक शुभ मुहूर्त था। प्रात कालीन ब्रह्म मुहूर्त पांच बजे से आरंभ होकर 535 तक था। पहला मुहूर्त सुबह 748 से 914 तक रहा। दूसरा लाभ मुहूर्त 914 से 1040 तक रहा। अमृत मुहूर्त सुबह 1040 से दोपहर 1207 तक था। शुभ मुहूर्त दोपहर 133 से 249 तक था। इसी प्रकार विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए अभिजीत मुहूर्त सुबह 1144 से लेकर 1230 तक रहा।
जगन्नाथ मंदिर के पंडित ने बताया कि इस बार चतुर्थी तिथि दो दिन छह एवं सात अक्टूबर को होगी। जबकि 11 अक्टूबर को महाअष्मटमी और महानवमी एक ही दिन मनायी जाएगी। काशी पंचांग के अनुसार 10 अक्टूबर को अष्टमी तिथि का आरंभ सुबह 729 से होगा और 11 अक्टूबर को प्रात 652 तक रहेगा। वही मिथिला पंचांग के अनुसार अष्टमी तिथि का आरंभ 10 अक्टूबर को 7 39 से होगा जो 11 अक्टूबर को 703 तक रहेगा।
मुंदीचक में पांच पूजा तक तैयार हो जाएगा पंडाल
मुंदीचक स्थित गढ़ैया दुर्गा मंदिर में इस बार उत्तराखंड राज्य के सुरकंडा देवी मंदिर का पंडाल बनाया जा रहा है। सचिव कुमार धर्मेंद्र ने बताया पांच पूजा तक पंडाल बनकर तैयार हो जाएगा। यह मंदिर हिंदू देवी सुरकंडा देवी को समर्पित है, जिन्हें हिंदू देवी पार्वती का भौतिक प्रतिनिधि माना जाता है। सुरकंडा देवी मंदिर पहाड़ी पर बना है और यह एक प्रसिद्ध पूजा स्थल है। यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है जो कि नौ देवी के रूपों में से एक है। यह मंदिर 51 शक्ति पीठ में से है। इस मंदिर में देवी काली की प्रतिमा स्थापित है।
मारवाड़ी पाठशाला में बनाया जा रहा है भव्य पंडाल
शहर का सबसे बड़ा और भव्य पंडाल मारवाड़ी पाठशाला में बनाया जाता है। इस बार यहां पर आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर का पंडाल दिखेगा। पंडाल का निर्माण बंगाल के कलाकार गोपाल पाल कर रहे हैं। उनकी टीम में 25 से अधिक लोग जुड़े हैं। सचिव बबन साहा ने बताया कि मारवाड़ी पाठशाला में वर्ष 2000 से पूजा व पंडाल बनाया जा रहा है। इससे पूर्व व्हाइट हाउस, दक्षिणेश्वर काली मंदिर, कर्नाटक विधानसभा, स्वर्ण मंदिर, राम मंदिर आदि का पंडाल बनाया जा चुका है।
हाउसिंग बोर्ड में इस बार दिखेगा आदि योगी शिव
हाउसिंग बोर्ड स्थित मां वैष्णवी दरबार में इस बार आदि योगी शिव का पंडाल बनाया जा रहा है। विश्व-प्रसिद्ध आदि योगी थीम आधारित पंडाल का निर्माण रिफ्यूजी कॉलोनी के टेंट कलाकार अनिल कुमार के नेतृत्व में हो रहा है। इसमें मालदा के दस कारीगर भी शामिल हैं। दुर्गापूजा समिति के सदस्य आशीष कुमार ने बताया आदि योगी पंडाल की ऊंचाई 51 फीट और चौड़ाई लगभग 30 फीट होगी। आदि योगी का निर्माण पर्यावरण अनुकुल वस्तुओं जैसे वेस्ट मटेरियल एवं पीओपी के द्वारा किया जा रहा है।
बड़ी खंजरपुर में दिखेगा बेलूर मठ मंदिर जैसा पंडाल
बड़ी खंजरपुर में इस बार कोलकाता के बेलूर मठ मंदिर के तर्ज पर पंडाल बन रहा है। कोलकाता के कलाकार पंडाल का निर्माण कर रहे हैं। यहां पूजा-अर्चना हिन्द-ए-युवा संघ की ओर से होता है। सचिव अजीत यादव ने बताया पंडाल लगभग 70 फीट ऊंचा, 60 फीट लंबा और 50 फीट चौड़ा होगा। मालदा के राजू कारीगर के नेतृत्व में पंडाल निर्माण का कार्य चल रहा है। यहां पूर्व में कर्नाटक का भोग नंदेश्वर मंदिर, इंडोनेशिया का बाली मंदिर, मुंबई का ताज होटल समेत कई तरह के पंडाल बनाये जा चुके हैं।
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