बिहार में तीसरी बार हिली धरती, भूकम्प की तीव्रता 3.5 दर्ज, लोगों में दहशत

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मंगलवार की सुबह चीन के कंट्रोल वाले तिब्बत में आए 7.1 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने नेपाल, भारत, भूटान और बांग्लादेश सहित दक्षिण एशिया के कई हिस्सों को हिलाकर रख दिया। यूएसजीएस के अनुसार, भूकंप का केंद्र नेपाल के लोबुचे से लगभग 91 किमी दूर था। भूकंप ने तिब्बत में भारी तबाही मचाई है। अबतक 90 लोगों की मौत की खबर है जबकि भारी संख्या में लोग घायल हुए हैं। बिहार में भी भूकम्प के झटके सुबह में महसूस किये गये और अब खबर यह आ रही है कि बिहार में फिर धरती डोली है।

12 घंटे के भीतर बिहार में तीसरी बार धरती हिली है। भूकम्प की तीव्रता 3.5 दर्ज की गयी है। शिवहर जिले में भूकम्प के झटके महसूस किये गये। इसे लेकर लोगों में दहशत का माहौल है। मंगलवार शाम 5 बजकर 19 मिनट और 55 सेकंड पर भूकम्प का झटका महसूस किया गया। 11 घंटे में बिहार में 3 बार भूकम्प के झटके लोगों ने महसूस किये।

पहला झटका मंगलवार की सुबह 6 बजकर 35 मिनट पर, दूसरा झटका मंगलवार की शाम को 5 बजकर 19 मिनट पर और तीसरा झटका मंगलवार की शाम 5 बजकर 25 मिनट पर महसूस किया गया। पहली बार तो इसकी तीव्रता 7.1 थी वही दूसरी बार 3.5 रही जबकि तीसरी बार 3.1 भूकम्प की तीव्रता आंकी गई। हालांकि कि इस दौरान किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर बिहार में नहीं है। पटना, मोतिहारी, गोपालगंज, दरभंगा, मधुबनी, जहानाबाद, किशनगंज, सुपौल और समस्तीपुर में भूकम्प के झटके महसूस किये गये। सुबह में जब भूकम्प आया तब किशनगंज में ट्रेन को रोक दिया गया। वही घर के बेड और पंखे को हिलता देख लोग अपने-अपने घर से बाहर निकल गये।

बता दें कि तिब्बत में भूकंप के लगातार झटके महसूस किए गए। सिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार, शिजांग इलाके में 4.7 और 4.9 तीव्रता के दो और भूकंप आए। भारत में पूर्वोत्तरी राज्यों के अलावा पश्चिम बंगाल और बिहार में भूकंप के झटके महसूस किए गए। सोशल मीडिया पर लोग भूकंप के दौरान के वीडियो साझा कर रहे हैं।

यूएसजीएस का अनुमान है कि इस भूकंप को लगभग 105 मिलियन लोगों ने महसूस किया होगा। भूकंप की गहराई लगभग 10 किलोमीटर होने के कारण बड़े पैमाने पर तबाही से बचा जा सका। नेपाल के लोगों ने बताया कि भूकंप के झटके काफी तेज थे और लोग घरों से बाहर निकल आए।

चीनी अधिकारियों के अनुसार, तिब्बत के शिगात्से शहर में 6.8 तीव्रता का एक और भूकंप आया। यह क्षेत्र भूकंपीय गतिविधियों के लिए जाना जाता है। पिछले 5 वर्षों में शिगात्से के आसपास 3 या उससे अधिक तीव्रता वाले 29 भूकंप आ चुके हैं। बता दें कि नेपाल भूवैज्ञानिक रूप से सक्रिय क्षेत्र में स्थित है। 2015 में काठमांडू में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप में हजारों लोगों की जान गई थी।