तेजस्वी के विदेश जाते ही राज्यपाल से मिले नीतीश कुमार, सुशील मोदी भी पहुंचे राजभवन; बिहार में बढ़ी हलचल : बिहार की राजनीति में सब कुछ एकाएक होता है. पिछले साल की ही तो बात है. बिहार में नीतीश कुमार बीजेपी के साथ सरकार चला रहे थे. फिर एक दिन तेजस्वी यादव जातीय जनगणना की मांग लेकर नीतीश कुमार से मिलने पहुंच गए।
बंद कमरे में दोनों के बीच मुलाकात हुई. इसके कुछ दिनों के बाद नीतीश कुमार ने पाला बदल लिया और एनडीए के रथ से उतरकर महागठबंधन की गाड़ी पर सवार हो गए।
इस घटना के अभी साल भी नहीं पूरे हुए हैं और नीतीश कुमार राज्यपाल से अचानक बुधवार को मिलने पहुंच गए. इसके कुछ देर बाद ही बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और नीतीश कुमार के कभी करीबी कहे जाने वाले बीजेपी नेता सुशील मोदी भी वहां हाजिर हो गए।
सीएम नीतीश कुमार के राज्यपाल से मिलने के लिए जाना, फिर सुशील मोदी का वहां पहुंचना, इसके बाद बिहार के सियासी हलकों में चर्चा तेज है कि कहीं फिर नीतीश कोई सियासी खिचड़ी तो नहीं पका रहे हैं. इस चर्चा को इसलिए भी बल मिल रहा है, क्योंकि बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के विदेश दौरे पर जाने की बात कही जा रही है. बताया जा रहा है कि वह अपनी पत्नी और बेटी के साथ छुट्टियां मनाने गए हैं।
बुधवार को नीतीश कुमार जब राजभवन पहुंचे तो कहा गया कि वह वहां हो रहे निर्माण कार्य को देखने के लिए पहुंचे थे. सीएम नीतीश कुमार का राजभवन में हो रहे निर्माण कार्य का जायजा लेने जाना किसी को हजम नहीं हो रहा है. वह भी तब जब उनके पहुंचने के महज कुछ देर बाद ही बीजेपी नेता सुशील मोदी भी वहां पहुंच जाते हैं. इसके बाद सुशील मोदी और नीतीश कुमार की मुलाकात हुई, मुलाकात हुई तो क्या बात हुई, ये वो सवाल हैं जिसका जवाब नहीं मिला है।
बिहार की राजनीति को नजदीक से जानने वाले वरिष्ट पत्रकार रवि उपाध्याय कहते हैं कि सीएम नीतीश कुमार निर्माण कार्य देखने गए थे या किसी नए राजनीतिक निर्माण की संभावना तलाशने यह तो स्पष्ट नहीं है, लेकिन नीतीश कुमार का जो इतिहास है, वह कुछ और संकेत दे रहा है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव बिहार से बाहर हैं।
ऐसे में अचानक से नीतीश कुमार का राजभवन पहुंचना किसी को पच नहीं रहा है. राजनीतिक पंडित कह रहे हैं कि तेजस्वी की गैरहाजिरी में नीतीश कुमार किसी और तरह के निर्माण कार्य में तो नहीं लग गए हैं. सीएम नीतीश कुमार का राजभवन पहुंचना, राज्यपाल से मिलना सब कुछ शेड्यूल होता है और उस समय ही सुशील मोदी का वहां पहुंचना, कुछ न कुछ संकेत कर रहा है।