सी-शोर ग्रुप चिटफंड कंपनी के संचालक इकोनॉमिक्स का प्रोफेसर धोखाधड़ी में गिरफ्तार, 1200 करोड़ रुपये की संपत्ति

13 07 2024 prashant kumar das 2024713 85632

करोड़ों रुपये की ठगी के आरोपित सी-शोर ग्रुप चिटफंड कंपनी के संचालक प्रशांत कुमार दास को भुवनेश्वर से रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दास मैजेस्टिक एपार्टमेंट शांति नगर, थाना लक्ष्मी सागर, भुवनेश्वर जिला खुर्दा (ओडिशा) का निवासी है। वह 12 साल से फरार था।ओडिशा में आरोपित की कंपनी के नाम पर अलग-अलग स्थानों पर स्थित 400 एकड़ भूमि, फैक्ट्री, मकान, वाहनों और सोना-चांदी को क्राइम ब्रांच ओडिशा और ईडी द्वारा जब्त कर जांच की कार्रवाई की जा रही है। सीबीआई भी इस मामले की जांच कर रही है।

आरोपित के विरुद्ध पांच आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के साथ ही आरओसी के 400 प्रकरण विभिन्न न्यायालयों में दर्ज हैं, जिनकी जांच की जा रही है। आरोपित की संपत्ति लगभग 1,200 करोड़ रुपये की है। वह ओडिशा के मामले में पांच वर्ष जेल काट चुका है।

एक वर्ष में 12 प्रतिशत और छह वर्ष में 24 प्रतिशत लाभ का झांसा

सी-शोर ग्रुप आफ कंपनी के निवेशकों और एजेंटों ने वर्ष 2013 में थाना सिविल लाइन में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सी-शोर ग्रुप आफ सिक्यूरिटी लिमिटेट, भुनेश्वर व कटक में स्थित है। डॉयरेक्टर प्रशांत कुमार दास, अध्यक्ष एलएलएन सतपथी और ब्रांच मैनेजर दिलीप मोहंती द्वारा थाना सिविल लाइन, रायपुर में 2007 में किराए में मकान लिया गया था।

मार्च, 2007 में सिमरन होटल और अन्य स्थानों पर सेमिनार आयोजित कर एजेंटों को जमा राशि में एक वर्ष में 12 प्रतिशत और छह वर्ष में 24 प्रतिशत का लाभांश, आकर्षक कमीशन और विदेश घुमाने का प्रलोभन देकर लगभग 370 निवेशकों से चार करोड़ रुपये निवेश कराया गया। मई 2012 में कंपनी बंद कर आरोपित फरार हो गए थे।

कॉलेज में रह चुका है अर्थशास्त्र का प्रोफेसर

प्रशांत कुमार दास पूर्व में अंगूल ओडिशा के एक कॉलेज में अर्थशास्त्र का प्रोफेसर था। उसके बाद में एसबीआई लाइफ प्राइवेट एजेंसी में काम किया। इसके बाद आरोपित ओडिशा में सी-शोर ग्रुप के नाम से अलग-अलग प्रकार की एजेंसी जैसे – सी-शोर फार्मेसी, सी-शोरवाटर, सी-शोर डेयरी, सी-शोर राइस मिल एवं अन्य एजेंसियां खोलकर उत्पादों का उत्पादन कर बिक्री करता था।

इसके बाद कंपनी को आगे बढ़ाने और अधिक फायदा कमाने के उद्देश्य से प्रिफेंशियल शेयर स्कीम लाया। इसमें ग्राहक को शेयर देकर मालिक बनाया जाता था। कई स्थानों पर सेमिनार आयोजित कर अलग-अलग लोगों को अपने झांसे में लेकर शेयर देकर ग्राहक बनाकर रकम ऐंठता था। इसी तरह उसने रायपुर सिविल लाइन में कार्यालय खोला, जिसमें वह कार्गो कुरियर का काम करता था। रायपुर के अलग-अलग स्थानों पर सेमिनार आयोजित कर लोगों को अपने झांसे में लेकर शेयर देकर मोटी रकम वापस करने सहित अन्य प्रलोभन देकर ग्राहकों से रकम प्राप्त करता था।

Rajkumar Raju: 5 years of news editing experience in VOB.