बिहार के अर्थशास्त्रियों को भी भा गया 2024 का केंद्रीय बजट, कहा- अब विपक्ष को बोलने का अधिकार नहीं

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2024-25 में बिहार के लिए कई बड़ी परियोजनाओं की सौगात दी है, जिसके बाद बजट की बेहद तारीफ हो रही है. बिहार को लेकर की गयी घोषणाओं पर बिहार के अर्थशास्त्रियों ने भी खुशी जताई है और कहा है कि इससे बिहार के विकास में काफी मदद मिलेगी।

‘बेहद ही संतोषजनक है बजट’:अर्थशास्त्री भी केंद्र सरकार के बजट की तारीफ कर रहे हैं. अर्थशास्त्री नवल किशोर चौधरी का कहना है कि “बिहार के परिप्रेक्ष्य में केंद्र सरकार का ये बजट बहुत ही संतोषजनक बजट है. जहां तक संभव हुआ केंद्र सरकार ने बिहार की मदद की है.”

“इस बजट में बिहार के लिए करीब 60 हजार करोड़ रुपए की योजनाओं की स्वीकृति मिली है, जिसमें 26000 करोड़ सिर्फ सड़कों के लिए दिया गया है. जिसमें तीन एक्सप्रेस हाईवे हैं, जिनमें से कुछ परियोजना पर पहले से भी काम चल रहा है उसी को विकसित किया जाएगा, साथ ही कुछ अन्य सड़क-परियोजनाओं को भी जोड़ा गया है.”- प्रोफेसर नवल किशोर चौधरी, अर्थशास्त्री

‘कोसी इलाके को मिलेगी बाढ़ से मुक्ति’- प्रोफेसर नवल किशोर चौधरी ने कहा कि ” सिंचाई और बाढ़ को नियंत्रित करने के लिए जो 11, 500 करोड़ रुपये की राशि दी गयी है वो बहुत जरूरी थी. कोसी इलाके को बाढ़ से मुक्ति के लिए कोसी पर डैम की जरूरत है, वहीं नेपाल में भी हाई डैम बनाने की चर्चा होगी.केंद्र सरकार के इस निर्णय से बिहार के लोगों को बहुत फायदा होगा.”

‘पावर प्रॉजेक्ट और टूरिज्म प्रॉजेक्ट से बदलेगी तस्वीर’: नवल किशोर चौधरी ने कहा कि “2400 करोड़ की लागत से पीरपैंती में पावर प्रॉजेक्ट की घोषणा बहुत ही खास है. इसके अलावा बिहार में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस बजट में अनेक योजनाएं स्वीकृत की गई हैं. बोधगया और राजगीर के विकास के लिए जो राशि आवंटित की गई है वो सराहनीय है.”

“विष्णुपद नया प्रॉजेक्ट है, महाबोधि प्रॉजेक्ट पहले से ही काम कर रहा है, लेकिन राजगीर को लेकर जो नई योजना बनाई गई है वह स्वागतयोग्य है. हालांकि सबसे ज्यादा संभावना सीतामढ़ी के माता सीता के जन्म स्थान पुनौराधाम को लेकर थी जिसे राम सर्किट से जोड़ा जा सकता था. इस पर ध्यान नहीं दिया गया यह निराशाजनक है.”- प्रोफेसर नवल किशोर चौधरी, अर्थशास्त्री

‘शिक्षा के क्षेत्र में और भी संभावना’: नवल किशोर चौधरी ने कहा कि “नालंदा विश्वविद्यालय को पहले से ही फंड मिला हुआ है.नालंदा विश्वविद्यालय को फॉरेन फंडिंग भी होती है. ऐसे में विक्रमशिला विश्वविद्यालय और पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय के दर्जे को लेकर फैसला लेना चाहिए था जो नहीं लिया गया, लेकिन कुल मिलाकर देखा जाए तो यह बजट बिहार के लिए संतोषजनक बजट है.”

‘लालू ने क्यों नहीं दिया स्पेशल स्टेटस’?: उन्होंने कहा कि “इस बजट का जो लोग विरोध कर रहे हैं उन्हें विरोध करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.जब केंद्र की सत्ता में कांग्रेस पार्टी थी और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद किंग मेकर थे तब बिहार को स्पेशल स्टेटस क्यों नहीं दिया. विपक्षी दलों के नेता इसलिए इसका विरोध कर रहे हैं क्योंकि वो विपक्ष में बैठे हैं.”

बिहार इंड्रस्ट्रीज एसोसिशन ने भी बजट की तारीफ कीः केंद्रीय बजट में बिहार को लेकर की गयी घोषणाओं का हर तरफ स्वागत हो रहा है. इससे पहले बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने भी केंद्र के बजट की सराहना की और इस बजट को बिहार के विकास को नया आयाम देनेवाला बजट करार दिया।

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