तमिलनाडु में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय से सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) ने एक अधिकारी को गिरफ्तार किया है। डीवीएसी ने ईडी के अधिकारी को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। ईडी के अधिकारी पर आरोप है कि उसने 20 लाख रुपये की रिश्वत ली हुई है। वहीं अब डीवीएसी द्वारा मदुरै में उप-क्षेत्र ईडी कार्यालय में जांच की जा रही है। बता दें इससे पहले भी ईडी के अधिकारी रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं। हाल ही में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने भी ईडी के एक अधिकारी को गिरफ्तार किया था। इस मामले में एसीबी ने ईडी के अधिकारी को एक परिवादी से 15 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था।
20 लाख की रिश्वत लेने का आरोप
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक अधिकारी को एक सरकारी कर्मचारी से 20 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह जानकारी सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) ने शुक्रवार को दी। दरअसल, डिंडीगुल में हिरासत में लिए जाने के बाद, डीवीएसी अधिकारियों के एक दल ने मदुरै में उप-क्षेत्र ईडी कार्यालय में जांच की। इस दौरान राज्य पुलिसकर्मी केंद्र सरकार के कार्यालय के बाहर तैनात थे। डीवीएसी की एक आधिकारिक विज्ञप्ति में गिरफ्तार अधिकारी की पहचान अंकित तिवारी के रूप में की गई है। यह केंद्र सरकार के मदुरै प्रवर्तन विभाग कार्यालय में प्रवर्तन अधिकारी के रूप में कार्यरत है।
कांग्रेस ने उठाए सवाल
वहीं ईडी के अधिकारी अंकित तिवारी को रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने और गिरफ्तार किए जाने के मामले पर तमिलनाडु कांग्रेस अध्यक्ष केएस अलागिरी ने बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि तमिलनाडु पुलिस को मिली जानकारी और शिकायत के आधार पर वह प्रवर्तन विभाग के कार्यालय में जांच करने गए थे। अगर वह निर्दोष थे तो उनका सामना कर सकते थे और उस समय भाग क्यों गए? बता दें कि ईडी के अधिकारी अंकित तिवारी के रिश्वत मामले में गिरफ्तार होने के बाद अब कांग्रेस पार्टी भी हमलावर होती दिख रही है।
पहले भी रिश्वत मामले में अधिकारी गिरफ्तार
इससे पहले भी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने मणिपुर में तैनात प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक अधिकारी और उसके सहयोगी को कथित रूप से परिवादी से 15 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। अधिकारियों ने बताया कि आरोपी अधिकारी चिटफंड मामले में गिरफ्तार नहीं करने को लेकर आरोपी से 17 लाख रुपये मांग रहा था। एसीबी के बयान के अनुसार गिरफ्तार लोगों में ईडी के इंफाल थित कार्यालय का प्रवर्तन अधिकारी (ईओ) नवल किशोर मीणा और उसका स्थानीय सहयोगी बाबूलाल मीणा शामिल थे। ईडी ने एक बयान में कहा कि उसने नवल किशोर को निलंबित कर दिया है और उनके और अन्य आरोपी के खिलाफ धनशोधन जांच शुरू की है।