बांका/झारखंड/ओडिशा:
झारखंड के बहुचर्चित वन भूमि घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। राजवीर कंस्ट्रक्शन के मालिक विमल अग्रवाल के बांका स्थित ठिकानों सहित तीन राज्यों के कई स्थानों पर छापेमारी की गई। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत की गई है।
तीन राज्यों में एक साथ छापेमारी
ईडी की छापेमारी सिर्फ बांका तक सीमित नहीं रही, बल्कि झारखंड और ओडिशा में भी एक साथ कार्रवाई हुई। सूत्रों के मुताबिक, तीनों राज्यों में कुल 12 से अधिक जगहों पर एक साथ दबिश दी गई। विमल अग्रवाल बांका जिले के बौंसी बाजार के निवासी हैं और क्षेत्र में एक प्रभावशाली व्यवसायी माने जाते हैं।
क्या है वन भूमि घोटाला?
यह पूरा मामला झारखंड के बोकारो जिले में सामने आया था, जहां वर्ष 2022 में वन विभाग की जमीन को अवैध रूप से खरीद-बिक्री करने का आरोप सामने आया। जांच में सामने आया कि सरकारी वनभूमि को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर निजी कंपनियों के नाम किया गया और फिर उसका व्यावसायिक उपयोग शुरू कर दिया गया।
ईडी की जांच का नया मोड़
शुरुआत में इस घोटाले की जांच झारखंड पुलिस की सीआईडी ने की थी, लेकिन बाद में मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा होने की आशंका के कारण प्रवर्तन निदेशालय (ED) को सौंप दिया गया। अब ईडी इस घोटाले की तह तक जाने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है।
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
विमल अग्रवाल की कंपनी राजवीर कंस्ट्रक्शन और उनके अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर इससे पहले भी कार्रवाई हो चुकी है। 26 सितंबर 2023 को जीएसटी विभाग ने उनके ठिकानों पर छापा मारा था। उनके पास एक मेडिकल शॉप भी है। इस बार की छापेमारी देर शाम तक चली और कई दस्तावेजों को जब्त किया गया।
क्या कहती है ईडी?
हालांकि अब तक ईडी की ओर से आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों की मानें तो विमल अग्रवाल और उनके सहयोगियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग, अवैध संपत्ति अर्जन और सरकारी भूमि पर कब्जा जैसे कई गंभीर आरोपों की जांच की जा रही है। जल्द ही इस घोटाले में और बड़े नामों का खुलासा हो सकता है।
फिलहाल, छापेमारी की कार्रवाई जारी है।
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