जमीन के बदले नौकरी मामले में लालू परिवार पर ED का शिकंजा, शुरू हुई सियासत

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 18 सितंबर को लैंड फॉर जॉब मामले में ईडी की ओर से दायर पूरक आरोपपत्र पर सुनवाई करते हुए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, तेजस्वी यादव और तेजप्रताप सहित आठ लोगों को सात अक्तूबर को अदालत में पेश होने का समन जारी किया है. प्रवर्तन निदेशालय जो चार्जशीट दाखिल की है, उसमें दावा किया है कि रेलवे में नौकरी दिलवाने के लिए तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद एवं उनके परिवार के अन्य सदस्यों ने नौकरी के बदले जमीन रिश्वत के तौर पर लिया था।

क्या कहते हैं राजनीतिक दलः ED की चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि नौकरी के बदले जमीन लेने की प्रक्रिया जटिल बनाई गई, ताकि सीधा शक उनके परिजनों पर नहीं लग सके. इस आदेश के बाद बिहार का सियासी तापमान चढ़ गया है. ED द्वारा लालू प्रसाद एवं उनके परिवार के अन्य के खिलाफ चार्ज शीट के मामले पर आरजेडी का कहना है कि उनको परेशान करने की तैयारी हो रही है. जदयू का कहना है कि लालू यादव का भ्रष्टाचार से पुराना नाता है. वहीं बीजेपी का कहना है कि राजद इमोशनल कार्ड खेल रही है।

लालू परिवार को परेशान करने का आरोपः आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्षी दलों के खिलाफ राजनीतिक हथियार के तरह करती रही है. जहां-जहां भी चुनाव की प्रक्रिया शुरू होती है, वहां के जो भी विपक्षी दल के नेता मजबूत स्थिति में होते हैं उनको परेशान करने के लिए इन केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से परेशान करवाया जाता है. लालू प्रसाद यादव एवं उनके परिजनों को लगातार परेशान करने का प्रयास हो रहा है।

विपक्षी दलों की एकता से बीजेपी परेशानः बिहार में विपक्षी दलों की एकजुट से बीजेपी परेशान है यही कारण है कि बिहार में केंद्रीय एजेंसियां ज्यादा सक्रिय है. आरजेडी प्रवक्ता का कहना है कि बीजेपी और केंद्र सरकार जितना भी प्रयास कर ले, लेकिन उसमें यह सफल नहीं हो पाएंगे. लालू प्रसाद यादव, बिहार ही नहीं पूरे देश की राजनीति में एक बड़े मजबूत फैक्टर हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में बिहार से जो संदेश निकला था वह पूरे देश में दिखा।

“विपक्षी दलों के गठबंधन जो आज मजबूत स्थिति में देख रहा है, उसके सूत्रधार लालू प्रसाद यादव जी रहे हैं. पूरे देश के लोगों को पता है कि भाजपा के खिलाफ यदि सबसे ज्यादा मुखर होकर कोई बोलता है तो वह लालू प्रसाद यादव है.”- एजाज अहमद, आरजेडी प्रवक्ता

इमोशनल कार्ड खेल रही आरजेडीः भाजपा प्रवक्ता मनीष पांडेय का कहना है कि राष्ट्रीय जनता दल इमोशनल कार्ड खेल रही है. बिहार के बच्चे बच्चे को यह पता है कि लैंड फॉर जॉब मामले में किस प्रकार से इनके पूरे परिवार ने गैर कानूनी ढंग से नौकरी बांटने का काम किया. इसीलिए यह आरोप लगाना कि उनके परिवार को फंसाया जा रहा है, यह सरासर गलत है. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि गलत किया है तो कानून के शिकंजे में फसेंगे, चाहे वह कोई भी व्यक्ति हो कोई भी परिवार हो।

“वर्तमान समय में लालू प्रसाद यादव बिहार की राजनीति में प्रासंगिक नहीं रह गए हैं. 2024 लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल को मात्र चार सीट मिलना, यह प्रमाण है वह अनर्गल बयानबाजी और जात-पात का नारा लगा लें, बिहार की जनता उन पर अब कोई विश्वास नहीं करने जा रही है.”- मनीष पांडेय, भाजपा प्रवक्ता

लालू परिवार का भ्रष्टाचार से पुराना नाता: जदयू का मनना है कि लालू परिवार का भ्रष्टाचार से पुराना नाता रहा है. जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा कि जब चारा घोटाला का उन पर आरोप लगा था और केंद्र में जनता दल की सरकार थी तब एचडी देवेगौड़ा और इंद्र कुमार गुजराल की सरकार में इन पर मुकदमा चला और इनको जेल जाना पड़ा. जब केंद्र की राजनीति में लालू यादव किंग मेकर की भूमिका में थे उसे समय भी यह जेल जा चुके हैं।

“जमीन के बदले नौकरी के मामले में यह साफ हो गया है कि मुख्य साजिशकर्ता के रूप में लालू प्रसाद यादव क्रिएटर हैं, जब केंद्रीय एजेंसी शिकंजा कसना शुरू किया तो ये लोग लालू प्रसाद यादव को परेशान करने का आरोप लगा रहे हैं.”- अरविंद निषाद, जदयू प्रवक्ता

बिहार की राजनीति में लालू यादव बड़े फैक्टर: केंद्रीय एजेंसी द्वारा लालू यादव एवं उनके परिवार के ऊपर कैसे जा रहे शिकंजे पर वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी का कहना है कि लालू प्रसाद यादव, बिहार की राजनीति में अभी भी बहुत बड़े फैक्टर हैं. बिहार में अभी राष्ट्रीय जनता दल के साथ 7 दलों का गठबंधन है. विधानसभा चुनाव में भी बहुत कुछ राजनीतिक समीकरण बदलता हुआ नहीं दिख रहा है।

“राजद का कहना है कि उनको (लालू यादव) फंसाया जा रहा है, यह सिलसिला बहुत दिनों से चल रहा है. जहां तक राजनीतिक नफा नुकसान की बात है तो इससे उनका नुकसान ही होगा. जिस तरीके से शिकंजा कस रहा है बीजेपी इसे मुद्दा बनाएगी और राजद उन्हें परेशान करने का मुद्दा बनाएगी.”- कौशलेंद्र प्रियदर्शी, राजनीतिक विश्लेषक

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