लैंड फोर जॉब केस की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने लालू यादव और राबड़ी देवी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने जानकारी दी है कि राबड़ी देवी की गौशाला का पूर्व कर्मचारी भी नौकरी के बदले में जमीन लेता था और उसे लालू प्रसाद यादव की बेटी हेमा यादव को ट्रांसफर कर दिया था। ईडी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर के लालू परिवार पर और भी कई आरोप लगाए हैं। आइए जानते हैं पूरा मामला।
इन लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत
ईडी ने अमित कात्याल, राबड़ी देवी, मिसा भारती, हेमा यादव, हृदयानंद चौधरी और दो कंपनियां अर्थात मेसर्स एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स ए बी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ विशेष न्यायालय के समक्ष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत अभियोजन शिकायत दर्ज की है। कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया है और आरोपी व्यक्तियों को आगे के परीक्षण के लिए 9 फरवरी 2024 को उपस्थित होने के लिए नोटिस जारी किया है।
क्या है आरोप?
प्रेस विज्ञाप्ति में कहा गया है कि ईडी ने नौकरी के बदले जमीन घोटाले से संबंधित सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की, जिसमें आरोप लगाया गया कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने 2004-2009 की अवधि के दौरान भारतीय रेलवे में ग्रुप डी के विकल्प की नियुक्ति के लिए भ्रष्टाचार में लिप्त थे। एफआईआर के अनुसार उम्मीदवारों को भारतीय रेलवे में नौकरियों के बदले में रिश्वत के रूप में भूमि हस्तांतरित करने के लिए कहा गया था। सीबीआई ने आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया है।
मामूली रकम पर जमीन के पार्सल मिले
ईडी ने कहा है कि आरोपी बनाए गए लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्य राबड़ी देवी, मिसा भारती, हेमा यादव को उम्मीदवारों के परिवार से (जिन्हें भारतीय रेलवे में ग्रुप डी के विकल्प के रूप में चुना गया था) मामूली रकम पर जमीन के पार्सल मिले थे। एक अन्य आरोपी हृदयानंद चौधरी, राबड़ी देवी की गौशाला में एक पूर्व कर्मचारी हैं, जिन्होंने एक उम्मीदवार से संपत्ति अर्जित की थी और बाद में उसे हेमा यादव को हस्तांतरित कर दिया था।
फर्जी कंपनियों का भी जाल
ईडी ने कहा है कि मेसर्स एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स ए बी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड फर्जी कंपनियां थीं जिन्हें लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों के लिए अपराध से प्राप्त धन प्राप्त हुआ था। उक्त कंपनियों में सामने वाले लोगों द्वारा अचल संपत्तियां अर्जित की गईं और उसके बाद शेयरों को नाममात्र राशि के लिए लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों को हस्तांतरित कर दिया गया, अमित कात्याल लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के लिए इन कंपनियों का प्रबंधन करते थे।
रकम भी जब्त की गई
ईडी ने बताया है कि एजेंसी ने 10-03-2023 को तलाशी अभियान चलाया था जिसके परिणामस्वरूप लगभग 1 करोड़ रुपये की नकदी और 1.25 करोड़ रुपये के कीमती सामान जब्त किए थे। इसके साथ ही ईडी ने 29-07-2023 को 6.02 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को भी अस्थायी रूप से कुर्क किया है। ईडी ने जानबूझकर लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को मनी लॉन्ड्रिंग में मदद करने के आरोप में अमित कात्याल को 11-11-2023 को गिरफ्तार किया था।