नौकरी के बदले जमीन घोटाले में ED का दावा- लालू यादव ही सबकुछ करते थे तय, वही हैं मुख्‍य साजिशकर्ता

lalu yadav

जमीन के बदले नौकरी मामले में पूर्व रेल मंत्री और राजद (RJD) के सुप्रीमो लालू यादव की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. ईडी ने अपनी चार्जशीट में लालू यादव को मुख्‍य साजिशकर्ता बताया है. ईडी ने दावा किया है कि रेलवे में नौकरी और उसके बदले जमीन का लेनदेन खुद लालू यादव ही तय करते थे. केंद्रीय जांच एजेंसी का कहना है कि नौकरी के बदले जो जमीन ली गई, वह आज भी लालू परिवार के कब्जे में है. ईडी ने दावा किया कि रेलवे में नौकरी दिलाने के लिए तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों ने रिश्वत के तौर पर प्लॉट लिए थे।

ईडी ने इन संपत्तियों को हासिल करने को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) 2002 के तहत ‘अपराध की आय’ (POC) के रूप में वर्गीकृत किया गया है. जांच एजेंसी के अनुसार, लालू यादव ने अपने परिवार और सहयोगियों के माध्यम से पीओसी के अधिग्रहण को छिपाने के लिए एक आपराधिक साजिश रची. जांच में पता चला है कि मुख्य रूप से पटना के महुआ बाग में जमीन मालिकों को रेलवे में नौकरी का वादा करके कम कीमत पर अपनी जमीन बेचने के लिए राजी किया गया था. इनमें से कई भूखंड पहले से ही लालू परिवार के पास मौजूद भूमि के निकट स्थित थे. इन भूखंडों को लालू परिवार ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्राप्त किए थे।

ईडी का आरोप है कि रिश्वत के तौर पर ली गई कई लैंड प्‍लॉट ऐसे थे, जो लालू प्रसाद यादव के परिवार की ज़मीन के ठीक बराबर में थे. इन प्‍लॉट्स को कौड़ियों के दाम पर खरीदा गया था. अपराध से अर्जित आय के जरिये लालू के परिवार और उनसे जुड़ी कंपनियों के पास करीब 7 प्‍लॉट आए जो पटना के महुआ बाग में स्तिथ हैं. ईडी का कहना है कि दानापुर के महुआ बाग गांव से लालू यादव का पुराना नाता है. यहां 1976 में लालू प्रसाद यादव अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ यहीं पर रहा करते थे. यह पटना के राजकीय पशु चिकित्सा महाविद्यालय के पास स्थित है।

Sumit ZaaDav: Hi, myself Sumit ZaaDav from vob. I love updating Web news, creating news reels and video. I have four years experience of digital media.