बिहार के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई करने वाले बच्चों का अब पेन (परमानेंट एजुकेशन नंबर) कार्ड बनेगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्रा के आदेश पर अगले सत्र से इसे प्रभावी करने की योजना बनायी गयी है। इसी नंबर के आधार पर बच्चों का स्कूलों में दाखिला लिया जाएगा। इसके साथ ही अपार आइडी जेनरेट करने के लिए पेन नंबर की जरूरत होगी। पेन नंबर नहीं होने की स्थिति में एडमिशन नहीं लिया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक, यदि किसी ने गलत पेन नंबर दर्ज किया है तो अपार जेनरेट नहीं होगा। इसके साथ ही नामांकन रद्द हो जाएगा। शिक्षा विभाग की ओर से डीइओ को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि यह छात्रों की एक विशेष पहचान होगी। बच्चों को अपने शैक्षणिक जीवन की शुरुआत के समय ही यह पेन नंबर दिया जाएगा।
मालूम हो कि स्कूल के स्तर से ही पेन कार्ड का निर्माण किया जाएगा। पेन कार्ड अपार आईडी से अलग विद्यार्थियों की पहचान को बताएगा। इसपर आधार कार्ड की तरह ही 12 अंकों की यूनिक आइडी दर्ज होगी। स्कूलों में होने वाली शैक्षणिक गतिविधियों की रिपोर्ट भी इस कार्ड के माध्यम से अपार आइडी पर दर्ज हो जाएगी। ऐसे में अपार आईडी बनाने के लिए पेन को अनिवार्य कर दिया गया है।
इधर, बच्चों के लिए स्कूल के स्तर से ही पेन कार्ड बनाया जाएगा। सरकारी और निजी स्कूलों की ओर से यू-डाइस पोर्टल पर बच्चों का डेटा डाला जाएगा। यहीं से पेन नंबर जेनरेट होगा। यह नंबर एक बार जारी होने के बाद हमेशा के लिए रहेगा।
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