बिहार के शिक्षा विभाग से जुड़ी एक अहम खबर निकल कर सामने आ रही है। सूबे के अंदर अब उन टीचर की समस्या बढ़ने वाली है जिन्होंने फर्जी तरीके से नौकरी हासिल कर लिया है। शिक्षा विभाग के पास अब इन टीचर के नाम का लिस्ट और पुख्ता सबूत पहुंचना शुरू हो गया है। इसके बाद अब इसको लेकर एक्शन की तैयारी भी चल रही है।
शिक्षा विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विभाग के कुछ गुमनाम लेटर आ रहे हैं जिसमें बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा बहाल फर्जी शिक्षक के नाम और दस्तावेज के साथ सभी तरह के सबूत दिए जा रहे हैं। जिससे यह मालूम चल सके कि यह शिक्षक शिक्षा विभाग में फर्जी तरीके से जॉब कर रहे हैं। अब विभाग भी इस गुमनाम पत्र के सही होने का पड़ताल कर रहा है। इसके बाद टीचर पर एक्शन लिया जाएगा।
बताया जा रहा है कि बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर लाखों शिक्षकों ने अलग-अलग जिलों में योगदान दिया है। इसमें फर्जी तरीके से बहाल हुए कई शिक्षकों को आयोग और शिक्षा विभाग के निर्देश पर पहले ही सेवा मुक्त किया जा चुका है। इसके बाद अब शिक्षा विभाग के सामने एक नई चुनौती खड़ी हो गई है।
दरअसल, आयोग द्वारा ली गई परीक्षा से बहाल हुए शिक्षकों के खिलाफ फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी लेने को लेकर अब गुमनाम पत्र भी आ रहे हैं। शिक्षा विभाग के विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कुछ पत्र सीधे जिला शिक्षा पदाधिकारी के नाम से आए हैं तो कुछ जिला अधिकारी के मेल पर आए हैं।
अब तक करीब आधा दर्जन से अधिक ऐसे पत्र मिले हैं। जिसमें भागलपुर जिले में बहाल सुल्तानगंज, नाथनगर, शाहकुंड, रंगरा प्रखंड के शिक्षकों के विरुद्ध फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी लेने का दावा किया गया है। इसमें उत्तर प्रदेश से आए हुए दो पत्र में शिक्षकों के नाम के साथ उनके फर्जी सर्टिफिकेट के नंबर भी अंकित कर दिए गए हैं। आम नागरिक के माध्यम से भेजे गए पत्र में सिर्फ शिक्षक के नाम और स्कूल के नाम को अंकित किया गया है।
इधर, जब बीपीएससी से बहाल हुए शिक्षकों के फर्जी सर्टिफिकेट पर हुई नियुक्ति को लेकर कई आवेदन और मेल विभाग को मिले हैं। इसको लेकर विभाग अपने स्तर से जांच भी कर रहा है। कुछ आवेदनकर्ताओं से भेजे गए पत्र के आलोक में सबूत भी मांगे गए हैं। अगर ऐसे में जांच में शिक्षकों के सर्टिफिकेट सचमुच में फर्जी पाए जाते हैं तो ऐसे शिक्षकों की नौकरी खत्म हो जाएगी।
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