बिहार में टीचर के ट्रांसफर से जुड़ीं एक अहम खबर निकल कर सामने आ रही है। अब शिक्षकों के तबादले के आवेदन जांच टीम के पदाधिकारियों के पास भेजे जाने लगे हैं। जांच टीम के पदाधिकारियों के सत्यापन के बाद आवेदन संबंधित जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) के पास ऑनलाइन चला जाएगा। लेकिन, सबसे अहम बात यह है कि डीईओ के पास शिक्षकों की जो सूची जाएगी, उसमें कोड लिखा होगा। जिससे डीईओ को मालूम नहीं होगा की कौन से टीचर को कौन सा स्कूल मिल रहा है।
दरअसल, पिछले दिनों शिक्षा विभाग को शिकायत मिली थी की कई जगहों पर कुछ लोगों द्वारा अपने करीबियों को जान-बूझकर नजदीक में पोस्टिंग दी जा रही है। इसके बाद अब इनको लेकर विभाग ने यह नया प्लान तैयार किया है। इसके माध्यम से अब जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) के पास को आवेदन दिए जाएंगे उसमें महज एक कोड होगा। जसिमें शिक्षकों का नाम उसमें नहीं रहेगा। इस तरह उन्हें यह पता नहीं रहेगा कि वह किस शिक्षक को विद्यालय आवंटित कर रहे हैं। इस तबादले की सारी प्रक्रिया सॉफ्टवेयर के माध्यम से पूरी होगी।
मालूम हो कि शिक्षा विभाग ने आवेदनों की जांच के लिए 16 सदस्यीय टीम बनायी है। पहले चरण में कैंसर रोग से पीड़ित शिक्षकों के आवेदन इन्हें ऑनलाइन ही थे भेजे गये हैं। ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर यह कैसे काम करेंगे, इसका प्रशिक्षण भी इन्हें दिया गया है।यह टीम चरणवार शिक्षकों के आवेदनों की जांच करेगी। इस टीम द्वारा आवेदन को ओके करने के बाद ही इसे जिलों को भेजा जाएगा।
इधर डीईओ शिक्षकों को उनके द्वारा दिये गये विकल्प के निकाय और पंचायत के रिक्त पदों के आधार पर विद्यालय आवंटित करेंगे। डीईओ द्वारा विद्यालय आवंटन की अनुशंसा पर फिर शिक्षा विभाग की समिति अंतिम निर्णय लेगी। इसके बाद तबादले की सूचना संबंधित शिक्षकों को भेज दी जाएगी। मालूम हो कि विभाग ने शिक्षकों के तबादले के लिए चार श्रेणियां बनायी हैं।
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