बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चन्द्रशेखर एक दिव्यांग छात्रा की विलक्षण प्रतिभा के कायल हो गए और मौके पर ही उसे 25 हजार की सहायती राशि देते हुए उस छात्रा की शेष पढ़ाई की जिम्मेदारी के साथ हीं हर सुख दु:ख में साथ देने का संकल्प लिया।
इस संबंध में शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने खुद सोसल मीडिया पर जानकारी शेयर की है.सोसल मीडिया x पर ट्वीट करते हुए शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने लिखा कि “मेरे जीवन का ऐतिहासिक, अविस्मरणीय एवं अकल्पनीय क्षण!अपने गृह क्षेत्र मधेपुरा के बी.एन.मंडल वाणिज्य महाविद्यालय में आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में विलक्षण प्रतिभा की धनी दिव्यांग शोधार्थी रूपम कुमारी से प्रभावित होकर मैंने उत्साहवर्धन हेतु तत्क्षण 25000/- रू का चेक प्रदान किया तथा उनकी शेष पढ़ाई की जिम्मेदारी के साथ हीं हर सुख दु:ख में साथ देने का संकल्प लिया।
शिक्षा मंत्री ने आगे लिखा कि यदि दोनों हाथों से दिव्यांग रूपम केवल पैरों के सहारे नेट-जे.आर.एफ. जैसी कठिन परीक्षा पास कर एक अमिट हस्ताक्षर और कई लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बनने का हौसला रख सकती है तो हम सब भी मजबूत संकल्प एवं सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बल पर भारत को विश्व नायक क्यों नहीं बना सकते हैं?”
बताते चलें कि दोनो हाथ से दिव्यांग होने के बावजूद रूपम ने जीवन में हार नहीं मानी और पूरे लगन के साथ पढ़ाई कर रही हैं.हाथ नहीं होने की वजह से वह पैरों से लिखती हैं.उसने मास्टर डिग्री लेने के बाद नेट-जेआरएफ परीक्षा पास की है और अभी वह रिसर्च कर रही है.उनकी प्रतिभा को देखते हुए मधेपुरा के बीएन.मंडल वाणिज्य महाविद्यालय में आयोजित एक सेमिनार में सम्मानित किया गया है.इसी सम्मान समारोह में पहुंचे शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चन्द्रशेखर रूपम की प्रतिभा से रूबरू हुए.उसके बाद उन्हौने सोसल मीडिया के जरिए खुशी का इजहार किया।