बिहार की राजनीति में इन दिनों दिवाली और छठ पूजा की छुट्टी को लेकर काफी विवाद छिड़ा हुआ है। टीचरों का कहना है कि उनकी छुटियों में कटौती की गई और यह कहीं से भी उचित नहीं है। अब इस विवाद के बीच शिक्षा मंत्री ने अब इस मसले पर बड़ा बयान दिया है जो शिक्षकों को बड़ी राहत दे सकती है। इसके साथ ही ऐसा हो सकता है कि उनकी जो मांग है वह पूरी कर दी जाए।
दरअसल, दीपावली से छठ तक की छुट्टियों को लेकर बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने एक बयान दिया है। शिक्षा मंत्री ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि शिक्षक संघ की जो मांग है उसपर सरकार इसपर विचार कर रही है। उनका कहना है था कि एक दो दिनों के अंदर सरकार इसपर फैसला ले लेगी। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने दिवाली एवं छठ की छुट्टियों को लेकर हो रहे विरोध पर कहा कि हम विचार करेंगे। अपने पदाधिकारियों के साथ बात करेंगे और जो उचित होगा वह करेंगे। उन्होंने कहा कि जितिया पर्व पर हमने छुट्टी दी थी, लेकिन उसके साथ सिलेबस को भी पूरा करना प्रायोरिटी है, तो शिक्षकों को इस पर भी सोचना चाहिए कि समय पर सिलेबस पूरा हो जाए।
मालूम हो कि दिवाली और छठ से पहले स्कूलों में जो छुट्टियों की घोषणा हुई है, उनमें कटौती की गई है। लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के दौरान खरना और नहाय-खाय की छुट्टी नहीं दी गई है। इससे शिक्षकों में रोष बढ़ गया है। वहीं विपक्षी दल आरजेडी और कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाकर नीतीश सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इसका ठीकरा विपक्ष पर ही फोड़ते हुए कह दिया कि छुट्टियों का यह कैलेंडर महागठबंधन सरकार के दौरान ही बन गया था। उस समय आरजेडी और कांग्रेस सत्ता में थी।
बता दें कि इस साल स्कूलों में शिक्षकों को दीपावली में मात्र एक दिन 31 अक्टूबर को छुट्टी दी गई है। वहीं, इसके बाद छठ महापर्व में 7 से 9 नवंबर तक छुट्टी रहेगी। शिक्षकों का आरोप है कि हर साल दिवाली से लेकर छठ तक स्कूल बंद रहते हैं। छठ पूजा का पारणा होने के बाद ही स्कूल खुलते हैं। मगर इस बार नहाय-खाय और खरना की छुट्टी नहीं दी। इस साल 5 नवंबर से छठ पूजा शुरू हो रही है। 5 को नहाय-खाय और 6 तारीख को खरना है। इन दोनों ही दिन स्कूल खुले रहेंगे।