बिहार में फिर आएगा चुनावी मौसम, 4 विधानसभा और 2 राज्यसभा सीटों पर होंगे इलेक्शन
बिहार विधानसभा की सीटों का समीकरण भी जल्द बदलनेवाला है. दरअसल इस लोकसभा चुनाव में 4 ऐसी सीटें हैं जहां से मौजूदा विधायकों ने जीत दर्ज की है. जाहिर है सांसद बन चुके इन विधायकों को विधानसभा की सदस्यता छोड़नी होगी, वहीं बीमा भारती के इस्तीफ के कारण रुपौली सीट भी खाली हुई है. ऐसे में जब 5 सीटों पर उपचुनाव होंगे तो निश्चित तौर पर विधानसभा में नये आंकड़े बनेंगे।
आरजेडी के दो विधायकों ने जीता लोकसभा का चुनावः जिन 4 विधायकों ने लोकसभा का चुनाव जीता है उनमें दो विधायक आरजेडी के हैं. बक्सर से लोकसभा चुनाव जीतने वाले सुधाकर सिंह रामगढ़ से आरजेडी विधायक हैं वही जहानाबाद से जीत दर्ज करने वाले सुरेंद्र यादव बेला से विधायक हैं।
जीतन राम मांझी और सुदामा प्रसाद भी जीतेः वहीं गया लोकसभा सीट से जीतने वाले जीतन राम मांझी इमामगंज से विधायक हैं जबकि आरा लोकसभा सीट से जीत दर्ज करनेवाले सुदामा प्रसाद सीपीआईएमएल के टिकट पर तरारी से विधायक चुने गये थे. यानी जो 4 विधायकों ने लोकसभा चुनाव जीता है, उनमें तीन महागठबंधन के हैं तो एक NDA के हैं।
रुपौली सीट भी हो चुकी है खालीः इसके अलावा पूर्णिया जिले की रूपौली विधानसभा सीट भी पहले से खाली हो चुकी है. इस सीट से जेडीयू के टिकट पर विधायक चुनी गयीं बीमा भारती ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इस्तीफा देकर आरजेडी के टिकट पर पूर्णिया से चुनाव लड़ा. हालांकि वो लोकसभा का चुनाव नहीं जीत पाईं, लेकिन रूपौली सीट खाली हो चुकी है।
राज्यसभा की दो, विधानपरिषद् की एक सीट होगी खालीः 5 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के अलावा दो राज्यसभा सीटों और विधानपरिषद् की एक सीट पर भी उपचुनाव होंगे.राज्यसभा सांसद मीसा भारती अब पाटलिपुत्र से चुनाव जीत चुकी हैं तो राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर भी नवादा से चुनाव जीत चुके हैं. इसके अलावा विधानपरिषद् के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर भी अब लोकसभा में जाएंगे. देवेश चंद्र ठाकुर ने तिरहुत स्नातक क्षेत्र से विधानपरिषद् का चुनाव जीता था।
राज्यसभा में हो सकता है आरजेडी को नुकसानःसबसे दिलचस्प खेल राज्यसभा चुनाव में होने वाला है. संभावना ये जताई जा रही है कि राज्यसभा की दोनों सीट एनडीए के खाते में न चली जाए. क्योंकि राज्य सभा सीट के लिए अगर एक साथ नामांकन होंगे और वोटिंग की नौबत आती है तो वैसे स्थिति में जिस गठबंधन को बहुमत रहता है उसी के खाते में दोनों सीट चली जाती है. ऐसे में आरजेडी को नुकसान हो सकता है।
उपचुनाव में किसका पलड़ा रहेगा भारी ?: बात विधानसभा उपचुनाव की करें तो 5 सीटों में 4 सीटें महागठबंधन की खाते वाली हैं. ऐसे में विधानसभा में अपनी वर्तमान स्थिति बनाए रखने के लिए महागठबंधन को 4 सीटें जीतनी होंगी. राजनीतिक विश्लेषक डॉ. सुनील का मानना है कि ” लोकसभा चुनाव में तेजस्वी यादव ने जिस लहर का दावा किया था वो धरातल पर नहीं दिखी. जब 5 विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव होंगे तब भी तेजस्वी बहुत असरदार होंगे इसकी संभावना कम दिखती है”
क्या सीएम के पुत्र रखेंगे सियासत में कदम ?: राजनीतिक विश्लेषक डॉ. सुनील का तो ये भी दावा है कि “नीतीश कुमार अपने पुत्र निशांत को भी राजनीति में ला सकते हैं. इसको लेकर परिवार की ओर से उनके ऊपर दबाव है और आने वाले दिनों में नीतीश कुमार के पुत्र निशांत सक्रिय राजनीति में दिख सकते हैं. ऐसा हुआ तो राज्यसभा की सीट निशांत को दी जा सकती है.”
राज्यसभा की एक-एक सीट जीत सकते हैं जेडीयू-बीजेपीः वहीं वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी का मानना है कि “राज्यसभा चुनाव में आरजेडी को नुकसान होना निश्चित है. ऐसे में जिन दो सीटों पर उपचुनाव होंगे उसमें से एक सीट जेडीयू को मिल सकती है जबकि बीजेपी वाली सीट से ऋतुराज सिन्हा को मौका मिल सकता है.”
क्या NDA होगा मजबूत या बढ़ेंगी महागठबंधन की सीटः फिलहाल विधानसभा में NDA के पास मामूली बढ़त के साथ बिहार विधानसभा में बहुमत है. ऐसे में 5 सीटों पर उपचुनाव के दौरान कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है. क्योंकि जहां NDA इन सीटों को जीतकर थोड़ा और मजबूत होने की कोशिश करेगा तो महागठबंधन अपनी मौजूदा सीटों को हर हाल में जीतना चाहेगा।
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