पटना, 24 अप्रैल 2025: बिहार में बिजली चोरी की घटनाओं पर लगाम कसने की कोशिशों के बावजूद कई जिलों में यह समस्या बदस्तूर जारी है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में अब भी औसतन 40% तक बिजली की चोरी हो रही है, जिससे संबंधित विद्युत प्रमंडलों में बिजली का नुकसान राज्य के औसत से दोगुना तक पहुंच गया है।
10 प्रमंडलों में गंभीर स्थिति, चकिया सबसे ऊपर
राज्य के 10 विद्युत प्रमंडलों में बिजली चोरी सबसे अधिक पाई गई है। चकिया (पूर्वी चंपारण) में सबसे अधिक 40.50% बिजली का नुकसान रिकॉर्ड किया गया है। इसके बाद मोतिहारी में 36.88%, अररिया में 36.73%, मीरगंज में 36.20%, और बेगूसराय में 36.17% बिजली चोरी की सूचना है।
दक्षिण बिहार में भी चुनौती बरकरार
दक्षिण बिहार में जगदीशपुर और आरा में 34%, मानपुर, जहानाबाद और शेरघाटी में 30% तक बिजली चोरी दर्ज की गई है। हालांकि, राजधानी पटना के राजेन्द्रनगर, कंकड़बाग-1 और बांकीपुर प्रमंडलों में बिजली चोरी लगभग नगण्य हो चुकी है, जो सकारात्मक संकेत है।
बिजली कंपनी की आय में जबरदस्त उछाल
बिजली चोरी की चुनौती के बीच, राज्य की बिजली कंपनियों ने राजस्व वसूली के मामले में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 17,114 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड आय हुई है, जो पिछले वर्ष की 15,109 करोड़ रुपये की तुलना में 13% वृद्धि है। कंपनियों ने बताया कि नुकसान 19.94% से घटाकर 15.50% पर ला दिया गया है।
उत्तर बिहार में नुकसान अधिक, पर प्रयास रंग ला रहे
उत्तर बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (NBPDCL) ने नुकसान को 14.5%, जबकि दक्षिण बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (SBPDCL) ने 17% पर लाने में सफलता हासिल की है। नुकसान घटने का मुख्य कारण समय पर नए कनेक्शन, पारदर्शी बिलिंग, और तकनीकी सुधार बताए जा रहे हैं।
निगरानी बढ़ी, हर महीने रिपोर्ट मांगी जा रही
बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने कंपनियों से हर महीने उन प्रमंडलों की रिपोर्ट तलब की है, जहां बिजली चोरी का अनुपात सबसे ज्यादा है। इसका उद्देश्य है—बिजली चोरी को चिन्हित कर targeted कार्रवाई सुनिश्चित करना।