समस्तीपुर जिले के उत्क्रमित मध्य विद्यालय, लगुनियां सूर्यकंठ के छात्रों ने बिहार के शिक्षा विभाग का ध्यान एक महत्वपूर्ण समस्या की ओर आकर्षित किया है। विद्यालय की बाल संसद, मीना मंच और शिक्षकगण ने संयुक्त रूप से शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ को पत्र लिखकर यह अनुरोध किया है कि सरकारी विद्यालयों में भी जाड़े के दिनों के लिए एक समान स्वेटर का प्रावधान किया जाए, जिससे बच्चों की पोशाक में एकरूपता बनी रहे।
विद्यालय की बाल संसद की उपप्रधानमंत्री सलोनी कुमारी, उपशिक्षा मंत्री सह मीना मंत्री संध्या कुमारी और कक्षा 8 की मॉनिटर लक्ष्मी कुमारी ने पत्र में लिखा है कि उनके विद्यालय में 95% से अधिक बच्चे निर्धारित पोशाक में आते हैं लेकिन जाड़े के दिनों में यह समरूपता प्रभावित होती है। हमारे हेड सर जी की ओर से केवल ऐसे बच्चों को रंगीन पोशाक में आने की छूट है, जिनका उस दिन जन्मदिन होता है।
गरीब परिवारों के बच्चों को होती है कठिनाई
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि विद्यालय में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों से आते हैं, जिनमें पासी, कुंभकार, लोहार और चर्मकार समुदायों के बच्चे शामिल हैं। इनके पास ऊनी कपड़े सीमित संख्या में होते हैं, जिससे ठंड के दौरान बच्चे अपने-अपने हिसाब से अलग-अलग रंगों के स्वेटर, जैकेट, शॉल और चादर ओढ़कर विद्यालय आते हैं। कई बच्चे बिना स्वेटर के केवल इनर या साधारण कपड़ों में ही स्कूल पहुंचते हैं।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक और शिक्षकगण हर वर्ष अपने स्तर से जरूरतमंद बच्चों को पुराने स्वेटर उपलब्ध कराते हैं लेकिन यह समस्या का स्थायी समाधान नहीं है।
नेवी ब्लू रंग के स्वेटर की अनुशंसा
बच्चों ने अनुरोध किया है कि अगर सरकार द्वारा स्कूल यूनिफॉर्म में स्वेटर को भी शामिल किया जाए तो यह सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए बड़ी राहत होगी। उन्होंने सुझाव दिया कि अगर यह प्रावधान लागू होता है तो नेवी ब्लू रंग का फुल स्वेटर सबसे उपयुक्त रहेगा।
हर शनिवार की कक्षा से मिली प्रेरणा
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि हर शनिवार को डॉ. एस. सिद्धार्थ सर को सुनना उन्हें बहुत अच्छा लगता है और बिहार की शिक्षा व्यवस्था में हो रहे सुधारों के लिए वे आभार प्रकट करते हैं। इसी प्रेरणा से उन्होंने अपनी समस्या को शासन तक पहुंचाने का निर्णय लिया है।
छात्रों की अपील – “हम बच्चों की यह मांग पूरी हो”
विद्यालय के बच्चों और शिक्षकों का मानना है कि यह समस्या सिर्फ उनके विद्यालय की नहीं बल्कि पूरे राज्य के सरकारी स्कूलों की है। अगर बिहार सरकार इस पर ध्यान दे और सभी सरकारी स्कूलों के लिए एक समान स्वेटर की व्यवस्था करे तो इससे न सिर्फ ठंड में बच्चों की परेशानी कम होगी बल्कि विद्यालय की अनुशासन और ड्रेस कोड की व्यवस्था भी मजबूत होगी।
विद्यालय के बाल संसद, मीना मंच और शिक्षकगण ने आशा जताई है कि बिहार सरकार और शिक्षा विभाग उनकी इस मांग पर गंभीरता से विचार करेगा और सरकारी विद्यालयों के बच्चों को भी निजी विद्यालयों की तरह एक समान ड्रेस कोड का लाभ मिलेगा।