केंद्र सरकार इथेनॉल के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. ऐसे में बिहार सरकार (Bihar Government) ने भी इथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रदेश में मक्के का रकबा बढ़ाने का फैसला किया है. सरकार की योजना सभी जिलों में मक्के की खेती पर जोर देने और 100 फीसद हाइब्रिड बीज लगाने का लक्ष्य रखा गया है.
कृषि विभाग के एक अधिकारी कहते हैं कि राज्य के सभी 38 जिलों में मक्का की खेती का क्षेत्र विस्तार करने की सरकार की योजना है. इसके लिए सरकार कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हाल ही में पटना में बिहार के चौथे कृषि रोड मैप (2023-2028) का शुभारंभ किया था. इस दौरान उन्होंने भी इथेनॉल को बढ़ाने पर जोर दिया था.
बीज पर अनुदान के अलावा अन्य सुविधाओं के लिए भी पहल
इथेनॉल के उत्पादन बढ़ाने में मक्के की बड़ी भूमिका हो सकती है. बिहार सरकार ने रबी के मौसम में र्सवाधिक उत्पादन प्राप्त करने के उद्देश्य से हाइब्रिड मक्के ‘संकर’ बीज लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. रबी में मक्के के बीज का 100 प्रतिशत हाइब्रिड बीज लगाने की तैयारी है. किसानों को इसके लिए बीज पर अनुदान के अलावा अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की पहल की जा रही है.
बिहार कृषि विभाग के अनुसार, राज्य में इस बार 1.50 लाख एकड़ क्षेत्र में मक्का की खेती का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें लगभग 12 हजार क्विंटल तक मक्का उत्पादन का भी लक्ष्य तय किया जाएगा. कृषि विभाग ने सभी कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि विश्वविद्यालय, किसान सलाहकार एवं कृषि समन्वयक को किसानों को जागरूक करने का भी निर्देश दिया है. बताया जाता है कि ज्यादातर उत्तर और पूर्वी मैदानी क्षेत्रों के किसानों के द्वारा सबसे अधिक मक्के की खेती की जाती है. मक्का को रबी सीजन की प्रमुख फसलों में से एक माना जाता है.