बेंगलुरु/लखनऊ, एजेंसी। बेंगलुरु पुलिस ने एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या के मामले में उनकी पत्नी, सास और साले को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
बेंगलुरु पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया को हरियाणा के गुरुग्राम से तथा निकिता की मां निशा सिंघानिया और उसके भाई अनुराग सिंघानिया को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया। उसने बताया कि आरोपियों को शनिवार सुबह गिरफ्तार किया गया, बेंगलुरु लाया गया और स्थानीय अदालत में पेश करने के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।इस बीच, प्रयागराज पुलिस ने रविवार को दावा किया कि बेंगलुरु पुलिस ने उन्हें निशा सिंघानिया और अनुराग सिंघानिया की गिरफ्तारी के बारे में कोई सूचना नहीं दी है। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु पुलिस ने न तो ट्रांजिट रिमांड ली और न ही निशा एवं अनुराग को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया लेकिन यह पता चला कि बेंगलुरु पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर बेंगलुरु ले गई।
अतुल ने छोड़ा था 23 पेज का सुसाइड नोट
बता दें कि पत्नी और ससुराल वालों पर प्रताड़ित करने और न्याय व्यवस्था में खामी का आरोप लगाकर सुसाइड करने वाले AI इंजीनियर अतुल सुभाष ने डेढ़ घंटे के वीडियो के साथ 23 पेज का सुसाइड नोट भी छोड़ा था. इसमें उन्होंने शादी की शुरुआत से लेकर पत्नी से विवाद के बाद खुद पर लगे एक-एक केस और सुसाइड की ओर ढकेलने वाले हर प्वाइंट को विस्तार से समझाया था. अतुल ने आत्महत्या से पहले खुद पर दहेज उत्पीड़न से लेकर हत्या समेत कई मामले दर्ज करने से लेकर सुसाइड के लिए उकसाने का आरोप अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा, पत्नी के भाई अनुराग और पत्नी के चाचा सुशील पर लगाया.
पुलिस ने चिपकाया था नोटिस
बेंगलुरु पुलिस की एक टीम शुक्रवार को यूपी के जौनपुर पहुंची थी जहां पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, साला और अन्य लोग रहते हैं. हालांकि, जब पुलिस वहां पहुंची तो उसे निकिता के घर पर ताला लटकता मिला. क्योंकि, निकिता की मां निशा और उसका भाई अनुराग एक दिन पहले ही घर बंद कर रात के अंधेरे में कहीं निकल गए थे. ऐसे में पुलिस ने घर पर नोटिस चस्पा कर दिया था. नोटिस में लिखा था कि बेंगलुरु में दर्ज केस में अपना बयान दर्ज करवाएं.
अतुल सुभाष पर ठोके थे ये केस
अतुल सुभाष पर पत्नी निकिता सिंघानिया की ओर से जौनपुर की कोर्ट में कुल पांच मुकदमे दायर किए गए थे. जिसमें निकिता सिंघानिया ने तलाक का मुकदमा और सीजेएम कोर्ट में हत्या, मारपीट और अप्राकृतिक यौन संबंध के मुकदमे को बाद में वापस ले लिया था. जौनपुर की अदालत में इस समय अतुल सुभाष पर तीन मुकदमे चल रहे है. इसमें एक मुकदमा दहेज प्रथा और मारपीट का लंबित है जिस पर अगली सुनवाई 12 जनवरी 2025 को है.
कमरे की दीवार पर चिपके थे दो पन्ने
बेंगलुरु के डेल्फिनियम रेसिडेंसी अपार्टमेंट की दूसरी मंजिल पर अतुल सुभाष रहा करते थे. वहीं एक कमरे में अतुल की लाश मिली थी. उस कमरे की एक दीवार पर मरने से पहले अतुल ने दो अलग-अलग पन्ने चिपकाए थे. एक पन्ने पर बड़े बड़े अक्षरों में ‘जस्टिस इज़ ड्यू’ लिखा था. जबकि उसके बराबर में चिपके दूसरे पन्ने पर बेहद छोटे-छोटे अक्षरों में 32 कामों की एक ऐसी लिस्ट चिपकी थी, जिसे मौत को गले लगाने से पहले अतुल को पूरा करना था. इस चेक लिस्ट के सबसे ऊपर अतुल ने लिखा था ‘फाइनल टास्क बिफोर मुक्ति’.