बिहार राजभवन पटना में कथित रूप से ईवीएम हैकर को पनाह देने के मामले में EOU ने कार्रवाई शुरू कर दी है. राजभवन पर इस तरह का आरोप लगने से राज्यपाल ने खुद आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया. ईओयू ने SIT का गठन जांच शुरू कर दिया है. आरोपी के खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम और आईटी अधिनियम और संबंधित धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई है।
राज्यपाल के सचिव की शिकायत पर FIR: ईओयू के मुताबिक राज्यपाल के प्रधान सचिव आर एल चोंग्थू की ओर से इसको लेकर शिकायत मिली थी कि सोशल मीडिया पर राजभवन को लेकर पोस्ट किया गया है. दरअसल, खुद को लालूवादी बताने वाले नितेश कार्तिकेन ने इस तरह का पोस्ट कर अफवाह फैलाने का काम किया है. उसने आरोप लगाया है कि राजभवन में दो ईवीएम हैकर को ठहराया गया है. जिसके नाम के बारे में भी उसने जिक्र किया है।
https://x.com/Laluwadi_Nitesh/status/1795840519739977971
दो व्यक्ति के नाम का खुलासा: आरोपी नितेश कार्तिकेन ने लिखा है. ‘भारत के गृह मंत्री के इशारों पर बिहार के राज्य भवन पटना में दो EVM हैकर को रुकवाया गया है. चर्चा है कि दो संदिग्ध व्यक्ति जिसका नाम पी कश्यप और डॉ. एमके भाई है. ये दोनों व्यक्ति राज्य भवन में ठहरा हुआ है.’
सीएम से मांगा जवाबः नितेश कार्तिकेन आगे लिखता है कि ‘बिहार के मुख्यमंत्री ही यहां के गृह मंत्री हैं. अब ऐसे में नीतीश कुमार जी को जवाब देना चाहिए कि राज्य भवन में ये दोनों संदिग्ध व्यक्ति किस हैसियत से ठहरा हुआ है. क्या ये कोई आईएएस है या कोई विभाग का अधिकारी है, इसका जवाब मुख्यमंत्री देंगे या चुनाव आयोग देगा?’
आरोपी ने उठाए सवालः नितेश कार्तिकेन ने आरोप लगाया है कि ‘सूचना ये भी है कि ये दोनों व्यक्ति ईवीएम मशीनों की हैकिंग का विशेषज्ञ है. एक जून को पटना के नजदीक तीन लोक सभा पाटलिपुत्र, पटना साहिब और नालंदा लोकसभा में वोटिंग होनी है. ऐसे में कैसे कोई संदिग्ध व्यक्ति राज्य भवन में ठहर सकता है?’
खुद को लालूवादी बता रहा आरोपीः इस तरह का पोस्ट करने वाला नितेश कार्तिकेन खुद को लालूवादी बताता है लेकिन इस मामले में राजद की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है. नितेश कार्तिकेन नाम से प्रोफाइल में इंडिया गठबंधन को समर्थन करने वाला वीडियो, तस्वीर और कंटेंट पोस्ट किए जाते हैं. ऐसे में साफ-साफ है कि उक्त व्यक्ति इंडिया गठबंधन का समर्थक है।