बिहार के गया जिले के तत्कालीन एसएसपी रहे आदित्य कुमार से आर्थिक अपराध इकाई ने लंबी पूछताछ की। जहां सवालों की लिस्ट ने आईपीएस आदित्य कुमार का पसीना छुड़ा दिया है। इनको EOU ने 24 घंटे के लिए रिमांड पर लिया गया था। इसके बाद ईओयू के अधिकारियों ने इनसे लंबी पूछताछ की है। इस पूछताछ के बाद आदित्य कुमार को न्यायिक हिरासत में बेउर जेल भेज दिया गया।
मिली जानकारी के मुताबिक, इओयू के अधिकारियों ने पूछताछ के दौरान आदित्य से उनका पुराना मोबाइल फोन मांगा। इस पर आदित्य ने कहा कि मोबाइल फोन कहीं गुम हो गया है। उन्होंने अभिषेक अग्रवाल से दोस्ती की बात खारिज करते हुए कहा कि उससे सामान्य जान-पहचान थी। जबकि, आदित्य ने तत्कालीन डीजीपी को पैरवी वाला फोन कराने के सवाल पर कहा कि मैंने ऐसा नहीं किया. इससे मुझे कोई फायदा नहीं होने वाला था। अगर फायदा होता तो मेरे ऊपर चल रही विभागीय कार्यवाही खत्म हो जाती। आज भी मेरे ऊपर विभागीय कार्रवाई जारी है। मेरे विरुद्ध अभियोजन चल रहा है और मैं निलंबित हूं।
मालूम हो कि, आईपीएस आदित्य कुमार पर अपने एक केस में अपने एक साथी को पटना उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनवाकर तत्कालीन डीजीपी को कॉल करवाने का आरोप है। यह मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया था। इसके बाद 15 अक्टूबर 2022 को आर्थिक अपराध इकाई ने आईपीएस आदित्य कुमार के खिलाफ केस दर्ज किया था। इसके बाद अब ईओयू इस मामले की जांच कर रही है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की तरफ से ईओयू को गिरफ्तारी का आदेश मिलने के बाद आदित्य कुमार ने मंगलवार (05 दिसंबर) को पटना जिला व्यवहार न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था।
आपको बताते चलें कि, आरोप लगने के बाद पुलिस मुख्यालय ने आईपीएस आदित्य कुमार को निलंबित भी कर दिया था। आदित्य कुमार के खिलाफ आईपीसी की धारा 353, 387, 419, 420, 467, 468, 120 बी, एवं धारा 66 सी, 66 डी और आईटी एक्ट 2000 के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस सूत्रों की मानें तो इओयू ने आदित्य के विरुद्ध आरोप-पत्र तैयार कर लिया है। उनके विरुद्ध अभियोजन कार्य शुरू कराने के लिए गृह विभाग से अनुमति मांगी है। अनुमति मिलते ही कोर्ट में केस दायर कर अग्रेतर कार्रवाई शुरू की जायेगी।