नीट पेपर लीक मामले में रोज-रोज नए खुलासे हो रहे हैं. अब केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी मान लिया है कि परीक्षा में गड़बड़ी हुई है. हालांकि उन्होंने भरोसा दिलाया कि इसमें एनटीए के बड़े अधिकारी भी दोषी पाए गए तो उन पर कड़ी कार्रवाई होगी. बच्चे और अभिभावक निश्चिंत रहें, क्योंकि केंद्र सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. एनटीए में सुधार की जरूरत है।
नीट पेपर लीक मामले में कार्रवाई तेज: केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने यह बात तब मानी है, जब गुजरात पुलिस ने भी पेपर लीक मामले में अहम सबूत इकट्ठा किए हैं. गोधरा पुलिस ने अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया है और 16 अभ्यर्थी संदेश के घेरे में हैं. एनटीए से सहयोग नहीं मिलने पर गोधरा पुलिस दिल्ली जाकर एनटीए ऑफिस से जानकारी इकट्ठा किया है. उधर, बिहार में भी आर्थिक अपराध इकाई लगातार मामले में जांच और पूछताछ कर रही है।
2 दिनों तक अभ्यर्थियों से होगी पूछताछ: दो दिन पहले ईओयू को एनटीए ने जिन 11 अभ्यर्थियों के डिटेल भेजे हैं, उनसे मंगलवार और बुधवार को पूछताछ शुरू होगी. ईओयू ने इन 11 अभ्यर्थियों को नोटिस भेज कर ईओयू ऑफिस पहुंचकर सवालों का जवाब देने को कहा है. ईओयू जानना चाहती है कि परीक्षा माफियाओं के पास इन 11 अभ्यर्थियों के रोल कोड, रोल नंबर जैसी जानकारियां कहां से आ गए. सभी 11 अभ्यर्थी बिहार के विभिन्न जिलों के हैं, जिसमें सात लड़कियां हैं. हालांकि एनटीए ने अब तक ईओयू को प्रश्न पत्र की मूल कॉपी नहीं भेजी है, जिससे जांच प्रभावित हो रही है।
परीक्षा माफिया से मिली अहम जानकारी: दूसरी तरफ ईओयू की कार्रवाई में पेपर लीक के और कई बड़े सुराग मिले हैं. मुंगेर के रहने वाले परीक्षा माफिया अमित आनंद के पटना एजी कॉलोनी स्थित अपार्टमेंट में छापेमारी के दौरान अच्छे बैंकों के 22 पोस्ट डेटेड चेक और दो चेक बुक भी बरामद हुए हैं. वहीं, परीक्षा माफिया सिकंदर यादवेंदु के बारे में भी पुलिस को कई जानकारी मिली है. पुलिस इस एंगल पर जांच कर रही है कि कहीं उसने जालसाजी करके नगर परिषद में जूनियर इंजीनियर की नौकरी तो नहीं पाई है. जांच में पता चला है कि सिकंदर पूर्व में ठेकेदारी करता था और रोहतास जिला में जूनियर इंजीनियर रहते 2.92 करोड़ के हुए एलईडी में वह मुख्य आरोपी भी है।