ईओयू ने इस मामले में नगरनौसा थाना क्षेत्र के महानंपुर गांव में छापेमारी कर रवि भूषण गिरोह के सदस्य और मुख्य प्राथमिकी अभियुक्त आदित्य कुमार उर्फ अंशु को गिरफ्तार कर लिया है.
नालंदा में ईओयू की कार्रवाई: आदित्य की गिरफ्तारी के साथ ही इस मामले में अब तक 38 गिरफ्तारियां हो चुकी है. पूछताछ के बाद अभियुक्त को हिरासत में भेज दिया गया. पूछताछ में खुलासा हुआ है कि आदित्य ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर सीएचओ की ऑनलाइन कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (सीबीटी) परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली की थी.
कैसे किया गया फर्जीवाड़ा: पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि आदित्य ने परीक्षा आयोजित करने वाली कंपनी वी शाइन टेक के अधिकारियों और विभिन्न केंद्रों के संचालकों को मोटी रकम देकर मैनेज किया था. आदित्य ने ही प्रॉक्सी सर्वर बनाकर परीक्षा केंद्रों के परीक्षा नियंत्रकों एवं आईटी स्टॉफ को इसकी ट्रेनिंग दी थी.
गिरफ्तारी के लिए चल रही छापेमारी: गिरोह के अपने सदस्यों को परीक्षा नियंत्रक और आईटी स्टाफ के रूप में नामित कर विभिन्न परीक्षा केंद्रों में भेजा. इस प्रशिक्षित व्यक्तियों ने मॉक टेस्ट के दौरान परीक्षा केंद्रों ने नेटवर्क में प्रॉक्सी सर्वर और रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर स्थापित किये. इसके माध्यम से सॉल्वर गैंग को प्रश्नपत्रों तक पहुंचा दी गई और परीक्षार्थियों को धांधली कराई गई. इस गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए भी छापेमारी चल रही है.
12 केंद्रों पर छापेमारी: स्वास्थ्य विभाग द्वारा CHO की परीक्षा 12 केंद्रों पर 4500 रिक्त पदों पर 1 और दो दिसंबर 2024 को आयोजित हुई थी. परीक्षा में धांधली की शिकायत के बाद ईओयू की टीम ने सभी 12 केंद्रों की जांच की तो इस दौरान परीक्षा केंद्रों से बड़ी संख्या में प्रॉक्सी सर्वर, रिमोट एक्सिस सॉफ्टवेयर डमी एडमिन बरामद हुआ. गिरोह के सरगना ने परीक्षा संचालित करने वाली कंपनी से फर्जीवाड़े के लिए सांठगांठ कर प्रति परीक्षार्थी से 4 से 5 लाख रुपए लिए गए थे.
ईओयू की कार्रवाई जारी: ईओयू इस मामले में लगातार कार्रवाई कर रही है. इस फर्जीवाड़े में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है. रवि भूषण गिरोह के सदस्य और मुख्य प्राथमिकी अभियुक्त आदित्य कुमार उर्फ अंशु की गिरफ्तारी को लेकर ईओयू ने प्रेस रिलीज जारी किया है.
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