EOU की जांच में ‘खेला’ का खुलासा, फ्लोर टेस्ट में नीतीश सरकार को गिराने की रची गई थी साजिश
बिहार में आर्थिक अपराध इकाई यानी ईओयू की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। फ्लोर टेस्ट के दौरान नीतीश सरकार के साथ जिस खेला का दावा विरोधियों द्वारा किया जा रहा था, आर्थिक अपराध इकाई ने उस खेला का खुलासा कर दिया है। ईओयू ने जो खुलासा किया है, उसे जानकर हर कोई हैरान है। सरकार को गिराने के लिए कुछ विधायकों के साथ हवाला डील हुई थी।
दरअसल, बिहार में महागठबंधन की सरकार गिरने के बाद एनडीए की सरकार का गठन हुआ था लेकिन नई सरकार के गठन के बाद विपक्ष की तरफ से यह दावा किया जा रहा था कि फ्लोर टेस्ट में सरकार गिर जाएगी। उस समय विधायकों के खरीद-फरोख्त की बात कही जा रही थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में ऐलान किया था कि वे इसकी जांच कराएंगे कि विधायकों को खरीदने के लिए इतने पैसे कहां से आए।
पटना के कोतवाली थाना में दर्ज एक केस में पैसों के लेन देन से जुड़ी जांच के दौरान आर्थिक अपराध इकाई ने बड़ा खुलासा किया है। ईओयू के मुताबिक, नीतीश सरकार को विश्वास मत हासिल करने से रोकने के लिए हॉर्स ट्रेडिंग हुई थी। सत्ताधारी दल के विधायकों को हवाला के जरिए एडवांस पैसे भेजे गए थे। अगर फ्लोर टेस्ट के दौरान नीतीश कुमार की सरकार विश्वास मत हासिल नहीं कर पाती तो विधायकों के खाते में मोटी रकम ट्रांसफर कर दी जाती लेकिन ऐसा नहीं हुआ और पूरी साजिश पर पानी फिर गया था।
आर्थिक अपराध इकाई की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है। ईओयू ने अपनी जांच रिपोर्ट ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय को सौंप दी है। अब इस मामले की आगे की जाच ईडी करेगी। आर्थिक अपराध इकाई ने अवैध लेन-देन से जुड़े सभी साक्ष्य ईडी को सौंप दिए हैं। जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि सत्ताधारी दल के विधायकों को हवाला के जरिए दिल्ली, उत्तर प्रदेश और झारखंड के अलावा नेपाल से पैसे भेजे गए थे। ईओयू के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने पूरे मामले की जानकारी मीडिया को दी है।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.