कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने कर्मचारियों के वेलफेयर को लेकर बड़ा फैसला लिया है। ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2025 में 145 कार्यालयों में कुल 15,529 कर्मचारियों के कल्याण के लिए 13.10 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की है, जिसमें हॉलिडे होम्स के लिए 74.37 लाख रुपये शामिल हैं।
कर्मचारी निधि संगठन ने एक सर्कुलर जारी कर कहा कि केंद्रीय पूल (मृत्यु राहत कोष) के रूप में 2 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा बजट में 94.25 लाख रुपए छात्रवृत्ति के लिए होगा। अन्य गतिविधियों में 1.88 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
ओए-मेडिकल चेकअप के लिए आवंटित कल्याण निधि में 40 वर्ष से अधिक आयु के कर्मचारियों के लिए 3.97 करोड़ रुपये और 40 वर्ष से कम उम्र के कर्मचारियों के लिए 1.27 करोड़ रुपये शामिल हैं।
इसके अलावा, सभी 145 कार्यालयों में स्मृति चिन्हों पर 1.26 लाख रुपये, सांस्कृतिक बैठकों पर 29 लाख रुपये और कैंटीन पर 61 लाख रुपये आवंटित किए हैं।
ईपीएफओ ने एक नए नियम की भी घोषणा की है, जिसके तहत जब कोई भी कर्मचारी नौकरी चेंज करता है, तो उसका पुराना पीएफ खाता खुद ब खुद का नई कंपनी में ट्रांसफर हो जाएगा।
केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया के अनुसार, ईपीएफओ सदस्य अपने पीएफ खाते से 50,000 रुपये की पिछली सीमा के बजाय 1 लाख रुपये निकाल सकते हैं। सरकार ने अब नियमों को आसान बना दिया है और पीएफ खातों से एकमुश्त निकासी की सीमा बढ़ा दी है।
उन्होंने इस सप्ताह कहा कि सरकार का लक्ष्य परिचालन को बढ़ाना और ग्राहकों के लिए चुनौतियों को कम करना है। इस वर्ष जून में ईपीएफओ ने 19.29 लाख सदस्य जोड़े, जो पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में 7.86 प्रतिशत ज्यादा है।
इस महीने की शुरुआत में, केंद्र ने केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (सीपीपीएस) को मंजूरी दी, जिससे कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के तहत 78 लाख से अधिक लोगों को लाभ होगा। जो ईपीएफओ का हिस्सा है, जिसे 1 जनवरी 2025 से भारत में कहीं भी, किसी भी बैंक, किसी भी शाखा से पेंशन प्राप्त कर सकते हैं।
अगले चरण में, सरकार आधार-आधारित भुगतान प्रणाली (एबीआईपीएस) में परिवर्तन करेगी।