बिहार में कानून का शासन स्थापित करना, लोगों को भयमुक्त समाज और विकास प्रदान करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता

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पटना: आज दिनांक-20.12.2024 को सूचना भवन में सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग द्वारा आयोजित गृह विभाग के संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए गृह विभाग के प्रधान सचिव, अरविन्द कुमार चौधरी ने बताया कि राज्य में पारदर्शी और उत्तरदायी प्रशासन के माध्यम से विधि-व्यवस्था सुदृढ़ कर कानून का शासन स्थापित करना तथा लोगों को भयमुक्त समाज एवं विकास प्रदान करना, राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। आगे गृह विभाग के कार्यों एवं उपलब्धियों की जानकारी उन्होंने बिन्दुवार निम्न प्रकार दीः

अपराध नियंत्रण

वर्ष-2024 में नवम्बर माह तक कुल 3,00,526 अभियुक्तों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की गयी है। 92 नियमित हथियार, 4861 अवैध हथियार, 165 देशी बम, 22,632 कारतूस, 604 डेटोनेटर की बरामदगी की गयी तथा 83 अवैध लघु बंदूक कारखाना का उद्भेदन किया गया है।

आपराधिक घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई के फलस्वरूप राज्य स्तर पर गत वर्ष की तुलना में डकैती के मामलों में 15.36 प्रतिशत, चोरी में 5.93 प्रतिशत एवं दंगा में 15.82 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है।

वर्ष 2024 में राज्य सरकार की धर्म निरपेक्ष एवं सुदृढ़ नीति के परिप्रेक्ष्य में तत्परता से आसूचना / सूचना संग्रह एवं त्वरित कार्रवाई के परिणामस्वरूप राज्य में साम्प्रदायिक तनाव की घटनाओं में उत्तरोत्तर कमी हुई है।

वर्ष 2022-24 में साम्प्रदायिक घटनाओं से संबंधित कुल-1025 मामलों में अभियोजन की स्वीकृति दी गई है और सभी जिलों को आरोप पत्र समर्पित करने हेतु निर्देशित किया गया है।

धारा 156 (3) भा०द०वि० अंतर्गत राज्य के माननीय न्यायालयों द्वारा पारित आदेश के तहत थानों में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए लंबित 14,956 मामलों में से 14,078 (94%) मामलों में प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है।

बिहार विशेष कार्यबल द्वारा नक्सलरोधी / अपराध नियंत्रण अभियान

पूर्व में बिहार राज्य के 10 जिले नक्सली गतिविधियों से प्रभावित थे, जो वर्तमान में घटकर 08 जिले यथा-गया, औरंगाबाद, नवादा, रोहतास, कैमूर, जमुई, मुंगेर एवं लखीसराय रह गये हैं। नक्सली गतिविधियां भी मुख्यतः बिहार-झारखण्ड सीमा से लगे पहाड़ी-जंगली क्षेत्रों तक सीमित हो गये हैं।

वर्ष-2024 में नवम्बर माह तक 120 नक्सली गिरफ्तार किये गये हैं तथा 24 हथियार, 246 कारतूस, 134 किलोग्राम विस्फोटक, 554 डेटोनेटर, 146 बारूदी सुरंगें / केन बम बरामद किये गये है।

STF द्वारा वर्ष-2024 में 05 (04 इनामी) अपराधियों को एनकाउंटर में मारा गया। STF द्वारा विभिन्न जिलों के मोस्ट वान्टेड कुल 53 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें 11 इनामी नक्सली थे।

वर्ष-2024 में STF द्वारा कुल 787 उग्रवादी / अपराधियों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें 171 इनामी अपराधी थे।

विशेष आधारभूत संरचना योजना के अंतर्गत विशेष कार्य बल, विशेष आसूचना शाखा एवं उग्रवाद प्रभावित जिलों के जिला पुलिस बल के उन्नयन एवं सुदृढ़ीकरण हेतु ₹37,83,17,657 की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गयी है। चालू वित्तीय वर्ष में योजना पूर्ण होने की संभावना है।

वर्ष-2024 में विधि विरूद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1967 के अन्तर्गत 40 थाना कांडों में कुल 120 अभियुक्तों के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृति प्रदान किया गया है।

आर्थिक अपराध एवं साईबर अपराध नियंत्रण

बिहार सरकार द्वारा सभी पुलिस जिलों (रेल जिला सहित) में कुल-44 साईबर थाना की स्थापना की गयी है, जो पुलिस उपाधीक्षक स्तर के पदाधिकारी के नियंत्रणाधीन क्रियाशील है।

नये वृहद अपराध अधिनियम-2023 का बिहार राज्य में क्रियान्वयन

दिनांक-01.07.2024 से वृहत् अपराध अधिनियमों को लागू करने के लिए गृह विभाग, बिहार, द्वारा अधिसूचना निर्गत किया गया है।

माननीय मुख्य न्यायाधीश, पटना उच्च न्यायालय, पटना की अध्यक्षता में पटना उच्च न्यायालय, पटना के सभी माननीय न्यायाधीश, मुख्य सचिव, बिहार, पुलिस महानिदेशक, बिहार, सभी जिलों के जिला सत्र न्यायाधीश, सभी जिला पदाधिकारी, सभी वरीय पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक, सभी जिला अभियोजन पदाधिकारी एवं सभी सी० जे० एम० के साथ दिनांक-16.03.2024 को एक दिवसीय कार्यशाला एवं दिनांक-27 एवं 28.07.2024 को दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा-37 के प्रावधानों के तहत राज्य पुलिस मुख्यालय एवं प्रत्येक पुलिस जिला में एक पुलिस नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। गिरफ्तार किये गये व्यक्तियों का नाम एवं पता तथा उनके द्वारा किये गये अपराध की प्रकृति, लगाए गए आरोप को प्रत्येक पुलिस थाना एवं जिला मुख्यालय में भौतिक रूप से एवं डिजीटल माध्यम से प्रदर्शित करने का प्रावधान किया गया है।

01 जुलाई, 2024 से लागू 03 नये आपराधिक कानून के अधिसूचित होने के बाद सारण जिला में रसूलपुर थाना क्षेत्र का हत्या के मामले में मात्र 50 दिनों में आजीवन कारावास की सजा दिलाने वाला सम्पूर्ण भारत में बिहार पहला राज्य बना।

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