भारतीय ऋण रेटिंग एजेंसी इक्रा रेटिंग्स (ICRA) ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 में वाहन उद्योग में मध्यम वृद्धि का अनुमान लगाया है. इक्रा ने कहा कि यात्री वाहन खंड में उच्च बिक्री दर्ज होने की उम्मीद है, वहीं दोपहिया वाहन उद्योग को भी कम आधार की मदद से बिक्री में मध्यम वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है. कोविड-19 के दौरान का समय भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग के लिए एक बड़ी चुनौती था. लॉकडाउन के बाद के चरण में रिकवरी काफी उल्लेखनीय रही है.
आईसीआरए ने कहा कि मांग बेहद मजबूत रही है, आर्थिक गतिविधियों में सुधार, सामान्य मोबिलिटी की बहाली और नए और अपडेटेड मॉडल की लॉन्चिंग से काफी मदद मिली है. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में यात्री वाहन खंड में सर्वकालिक उच्च बिक्री दर्ज की गई. इसके पीछे निजी वाहन को प्राथमिकता और स्थिर सेमीकंडक्टर आपूर्ति की अहम भूमिका रही थी.
चालू वित्त वर्ष में भी इस खंड में मांग मजबूत रहने की उम्मीदों के बीच सालाना आधार पर वृद्धि छह से नौ प्रतिशत रहने का अनुमान है. इसी तरह, वाणिज्यिक वाहन उद्योग की कुल बिक्री महामारी-पूर्व के उच्चतम स्तर तक पहुंचने की उम्मीद है. भले ही सालाना आधार पर वृद्धि वित्त वर्ष 2023-24 में मामूली स्तर दो से चार प्रतिशत रहने की उम्मीद है.
इक्रा रेटिंग्स (ICRA) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं समूह प्रमुख (कॉर्पोरेट रेटिंग) शमशेर दीवान ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2024 में मोटर वाहन उद्योग क्षेत्रों में वृद्धि मध्यम स्तर पर रहेगी अनुकूल मांग के कारण जहां यात्री वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी जारी रहेगी, वहीं दोपहिया वाहन उद्योग को भी कम आधार की मदद से बिक्री में मध्यम वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है.” दीवान ने कहा, ‘‘विभिन्न क्षेत्रों में ग्रामीण मांग पर असमान मानसून वर्षा का प्रभाव चिंता का विषय बना हुआ है. भले ही ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास, फसल खरीद आदि पर सरकार के प्रयास सकारात्मक बने हुए हैं.”