लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि नोटबंदी ने सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) और असंगठित क्षेत्र को तबाह करके एकाधिकार का मार्ग प्रशस्त किया है। उन्होंने कहा कि भारत में आठ साल पहले के मुकाबले अधिक नकदी का इस्तेमाल अनवरत जारी है। उनका यह बयान नोटबंदी की घोषणा के आठ साल पूरे होने पर आया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर, 2016 को राष्ट्र के नाम एक संबोधन में नोटबंदी की घोषणा करते हुए कहा था कि 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोट अब वैध मुद्रा नहीं रहेंगे। तत्कालीन सरकार ने उस समय ऐसा करने के जो कारण बताए थे उनमें डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना और भ्रष्टाचार तथा काले धन पर रोक लगाने के लिए नकद लेनदेन को कम करना शामिल था।
राहुल ने कहा, ‘‘भारत आज आठ साल पहले की तुलना में अधिक नकदी का उपयोग कर रहा है जब नोटबंदी लागू की गई थी।” गांधी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘नोटबंदी ने एमएसएमई और असंगठित क्षेत्र को तबाह करके एकाधिकार का मार्ग प्रशस्त किया।” पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि व्यवसायों के लिए भय का माहौल बनाने वाली अक्षम और गलत इरादे से तैयार नीतियां भारत की आर्थिक क्षमता को खत्म कर देंगी।ऑ
राहुल गांधी ने एक चार्ट भी साझा किया जिसमें दिखाया गया है कि कैसे जनता के पास मौजूद नकदी 2013-14 में सकल घरेलू उत्पाद के 11 प्रतिशत से गिरकर 2016-17 में आठ प्रतिशत रह गई थी, लेकिन 2020-21 में यह बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद का 14 प्रतिशत हो गई। चार्ट से पता चलता है कि 2022-23 में जनता के पास नकदी सकल घरेलू उत्पाद का 12 प्रतिशत थी।