इलाज के तीन महीने बाद जब दिव्यांश वापस कोटा में पढ़ाई शुरू करने ही वाले थे कि उन्हें डेंगू हो गया और वह एक सप्ताह तक बिस्तर पर ही रहे. काफी समय गंवाने के बाद उनके शिक्षकों ने काफी मदद की. दिव्यांश कहते हैं कि बाई स्टूडेंट्स पाठ्यक्रम में काफी आगे थे, लेकिन मैंने खुद पर ध्यान केंद्रित किया और अपने शिक्षकों की बातों को फॉलो किया.
शनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से मंगलवार को नीट यूजी एग्जाम 2024 के नतीजे घोषित किए गए. इस परीक्षा में इस बार रिकॉर्ड तोड़ अभ्यर्थियों ने भाग लिया था. वहीं, दूसरी तरफ इस बार परीक्षा में 67 उम्मीदवारों ने एआईआर 1 हासिल की. इन 67 उम्मीदवारों में से एक हैं हरियाणा के दिव्यांश भी हैं. जिन्होंने गंभीर बीमारी से जूझते हुए भी नीट परीक्षा में टॉप किया.
न्यूमोथोरैक्स नामक गंभीर फेफड़ों की बीमारी से जूझ रहे दिव्यांश की लगन और मेहनत सराहनीय है.इस बीमारी के बाद भी उन्होंने नीट 2024 परीक्षा पास की बल्कि AIR 1 हासिल की.
उनके पिता भारतीय सेना में हैं.पिता और चाचा से प्रेरित होकर दिव्यांश भी सेना में शामिल होना चाहते थे और एनडीए की परीक्षा देने की योजना बना रहे थे, लेकिन जब उन्होंने अपने पिता के साथ इसे साझा किया तो उनके पिता ने उन्हें डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करने के लिए प्रोत्साहित किया.
जुलाई 2023 में कोटा पहुंचने के बाद दिव्यांश को सांस लेने में तकलीफ होने लगी और उनकी जांचों में पता चला कि उन्हें न्यूमोथोरैक्स है. उनका एक फेफड़ा फट गया था और वह एक फेफड़े से सांस ले रहे थे और उन्हें एक हफ्ते के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इस दौरान जिस संस्थान में वे तैयारी कर रहे थे, वहां के शिक्षक नियमित तौर पर उनसे मिलने आते थे और उन्हें मोटिवेट करते थे. जब दिव्यांश घर वापस आ गए तो उन्होंने माइनर एग्जाम की तैयारी पर फोकस किया और 720 में से 686 अंक प्राप्त किए.
उनकी दूसरी माइनर परीक्षा के बाद स्थिति खराब हो गई और उनके पिता उन्हें दो सप्ताह के लिए चंडीगढ़ के आर्मी अस्पताल ले गए, जहां कोई सुधार नहीं हुआ और बाद में उन्हें दो सप्ताह के लिए दिल्ली ले जाया गया.
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