जीतन राम मांझी की मांग से उनके बेटे ही सहमत नहीं: संतोष मांझी ने अपने पिता को लेकर कह दी बड़ी बात

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बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी सूबे में बनी नयी एनडीए सरकार में विभागों के बंटवारे पर नाराज हैं. मांझी लगातार कह रहे हैं कि उनकी पार्टी हम को दो मंत्री पद मिलना चाहिये. वे अपने बेटे संतोष कुमार सुमन को मिले विभाग पर नाराजगी भी जता चुके हैं. लेकिन जीतन राम मांझी के बयानों से उनके बेटे ही सहमत नहीं हैं. बेटे ने आज अपने विभाग में कार्यभार संभाला और पिता की डिमांड पर बड़ी बात कह दी।

मुझे कोई नाराजगी नहीं

मंत्री संतोष कुमार सुमन ने सूचना एवं प्रावैधिकी यानि आईटी विभाग का कार्यभार संभाला. वहां से मीडिया से बात की. सवाल पूछा गया कि विभागों के बंटवारे में आपकी पार्टी को जो हिस्सेदारी मिली है क्या आप उससे खुश हैं. संतोष सुमन का जवाब था-मेरे मन में विभाग को लेकर कोई संशय होता तो मैं मंत्री की कुर्सी पर बैठा नहीं होता. संतोष सुमन ने कहा कि सब कुछ ठीक है तभी तो मैं विभाग में बैठा हूं।

संतोष सुमन ने कहा कि मुझे जो विभाग मिला है, उससे मैं खुश हूं. एक व्यक्ति को एक ही विभाग मिल सकता है. हर व्यक्ति को हर विभाग तो दिया नहीं जा सकता. हर विभाग का अपना महत्व है. मुझे जो मिला है मैं उससे खुश हूं. मेरे अंदर क्षमता होगी तो मैं यहां भी बेहतर काम कर सकता हूं।

पिता की बात उन्हीं से जाकर पूछिये

बता दें कि जीतन राम मांझी ने कहा था कि जब वे मंत्री थे तो जो विभाग उन्हें दिया जाता था वही विभाग उनके बेटे संतोष सुमन को भी दे दिया गया है. पत्रकारों ने जब संतोष सुमन ने पिता के बयान पर सवाल पूछा तो जवाब मिला-उनकी (जीतन राम मांझी की) अपनी व्यक्तिगत टिप्पणी है, उस पर मैं ज्यादा नहीं कह सकता हूं. उनकी अपनी बात है, उनसे ही जाकर पूछिये।

बता दें कि जीतन राम मांझी अपने बेटे को हम पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बना चुके हैं. जीतन राम मांझी अपनी पार्टी के संरक्षक बन गये हैं. बिहार में नयी सरकार के बनने के बाद जीतन राम मांझी जिन मांगों को रख रहे हैं या सरकार को लेकर जो नाराजगी जता रहे हैं उनसे उनके बेटे और पार्टी के अध्यक्ष ही सहमत नहीं है. ऐसे में बीजेपी या जेडीयू क्या नोटिस लेगी।

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