बारहमासी दुर्गा मंदिर : नवरात्रा प्रारंभ होते ही प्रखंड के विभिन्न मातारानी के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। गुरुवार को मड़वा मातारानी मंदिर में देर शाम आरती में काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। मड़वा गांव के पुवाड़ी टोला स्थित मातारानी का इतिहास डेढ़ सौ वर्ष से भी अधिक पुराना है। मंदिर की स्थापना दुक्खा राय जी ने की थी। यहां प्रतिमा बारहोमास स्थापित रहती है। पश्चिममुखी इस माता रानी के दरबार में बांग्ला वैदिक विधि से पूजा होने के बावजूद, निशा बली के साथ ही अष्टमी को ही छाग बली भी प्रारंभ हो जाती है। मंदिर के पुजारी सह आचार्य पप्पू राय बताते हैं कि मातारानी के दरबार में मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। मंदिर के पुजारी सिंटू झा बताते हैं, कि मंदिर में हर वर्ष ढाई सौ के लगभग बलि दी जाती है, जबकि मुंडन संस्कार और संकल्प लेने वालों की संख्या हजारों में होती है। यह जानकारी मनोज राय ने दी।
मां दुर्गा की आराधना के लिए मंदिरों में लगी भीड़
नारायणपुर/अकबरनगर/गोराडीह। प्रखंड के प्राचीन सिद्धपीठ मणिद्वीप भ्रमरपुर दुर्गा मंदिर, शाहपुर चौहद्दी, नारायणपुर चौहद्दी, नारायणपुर स्टेशन और भवानीपुर में कलश स्थापन के साथ दुर्गा पाठ शुरू हुआ। भजन सम्राट डॉ. हिमांशु मोहन मिश्र दीपक ने बताया कि भ्रमरपुर में सैकड़ों पंडित रोजना सप्तसशती पाठ करते है। वहीं अकबरनगर सहित आसपास के दर्जनों गांवों में गंगा में स्नान कर मंदिरों में पूजा अर्चना किया। उधर, जगदीशपुर प्रखंड के विभिन्न जगहों पर ही महौल भक्तिमय हो गया।
कलश स्थापना के साथ शारदीय नवरात्र प्रारंभ
सुल्तानगंज। प्रखंड के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थित विभिन्न दुर्गा मंदिरों सहित अपने-अपने घरों में कलश स्थापित किए जाने के साथ शारदीय नवरात्र गुरुवार को प्रारंभ हो गया। भक्तों ने माता के प्रथम स्वरुप शैलपुत्री की पूजा अर्चना की। गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा किनारे लगी रही। असियाचक पंचायत के नारदपुर स्थित दुर्गा मंदिर भक्तों के आस्था का केंद्र बना हुआ है। इस वर्ष इस दुर्गा मंदिर में मां दुर्गा के दो भक्त सीने पर कलश स्थापित कर मां की आराधना में लीन हैं।