भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और बेतिया लोकसभा के सांसद डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन का समर्थन सभी को करना चाहिए। इससे देश को बहुत लाभ होगा और समय और संसाधन दोनों की बचत होगी। उन्होंने कहा कि जो विपक्ष पहले “वन नेशन वन टैक्स” का विरोध कर रहे थे, लागू होने के बाद वहीं सराहना भी करता है। पूरे देश में जीएसटी लागू होने के बाद हमारी जो आय हैं, वह ज्यादा बड़ी है और टैक्स भी ज्यादा वसूले जा रहे हैं।
‘हमारी सरकार ने लोगों की सुविधा का ख्याल रखा’
संजय जायसवाल ने कहा कि हमारी सरकार में देश के किसी भी कोने से राशन ले सकते हैं। इस सरकार ने लोगों की सुविधा का ख्याल रखा है और विपक्ष से कहना चाहता हूं कि वन नेशन वन इलेक्शन को जेपीसी में भेजा गया है और उसमें विपक्ष के भी नेता है, उस कमेटी में वह अपनी बात रख सकते हैं। देश में आजादी के बाद एक समय पर ही लोकसभा और विधानसभा के चुनाव हुआ करते थे यह कोई नई परंपरा की शुरुआत नहीं हुई है। इंदिरा गांधी के घमंड के कारण वन नेशन वन इलेक्शन की परंपरा टूट गई। देश को इसकी जरूरत है। भारत के संविधान में आर्टिकल 327 में यह अधिकार का नियम कहता है कि लोकसभा के चुनाव और राज्यों के विधानसभा के चुनाव एक साथ कर सकते हैं। संसद के आर्टिकल 368 के तहत संशोधन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जो जेपीसी इस समय बनी है, उसमें पहले 21 सदस्य होते थे इस बार 39 सदस्यों को रखा गया है।
वहीं, पीएम मोदी के कुवैत दौरे पर भाजपा सांसद ने कहा कि 43 वर्षों के बाद भारत के प्रधानमंत्री कुवैत जा रहे हैं। सभी मध्य पूर्व के देशों से भारत के संबंध बहुत अच्छे हुए हैं। यह भारत ही है, जहां पर संयुक्त अरब अमीरात ने यह समझौता किया कि वह अपने तेल भंडार को भारत में रखेगा। इससे हमारे भी तेल भंडारण में बहुत बड़ी मदद होगी। कुवैत का प्रधानमंत्री मोदी का दौरा ऐतिहासिक रहेगा। डीजल-पेट्रोल को लेकर हमारी जो जरूरतें हैं उसकी पूर्ति करने में कुवैत भी एक बहुत बड़ा सहभागी है… इन देशों के साथ कहीं न कहीं UPA की सरकारों ने संबंध काट दिए थे… आज सभी देशों के साथ पीएम मोदी ने इतने अच्छे संबंध बनाए हैं कि एक नया इतिहास रचा जा रहा है और भारतीयों को उन देशों में नई प्रतिष्ठा मिल रही है।