महाराष्ट्र के कोल्हापुर के रहने वाले स्वप्निल कुसाले का नाम आज हिंदुस्तान के हर घर में गर्व से लिया जा रहा है। 28 साल के कुसाले ने पेरिस ओलंपिक्स 2024 में पुरुषों की ‘मैराथन ऑफ शूटिंग’ कही जाने वाली 50 मीटर रायफल 3 पोजिशंस प्रतिस्पर्धा में ब्रॉन्ज मेडल जीता है। इस प्रतियोगिता में चीन के लियु यूकुन ने 463.6 पॉइंट्स के साथ गोल्ड जीता वहीं यूक्रेन के सर्हीय कुलिश ने 461.3 पॉइंट्स हासिल कर सिल्वर मेडल अपने नाम किया। कुसाले ने 6 राउंड्स में 451.4 अंक हासिल किए थे। ओलंपिक में इतिहास रचने के बाद कुसाले ने मीडिया से बात की और बताया कि किस तरह उन्होंने इतने रोमांचक और तनाव भरे गेम में खुद को कैसे बैलैंस किया। कुसाले ने कहा कि मेडल जीतने के लिए उन्होंने 2 चीजों पर फोकस किया था। आइए जानते हैं स्वप्निल की जीत के वो 2 सीक्रेट क्या हैं।
शुरुआत थोड़ी कमजोर मगर गजब का कमबैक
उल्लेखनीय है कि 50 मीटर रायफल 3 पोजिशंस प्रतिस्पर्धा में यह भारत का पहला मेडल है। इससे पहले बीजिंग ओलंपिक 2008 में अभिनव बिंद्रा ने पुरुषों की 10 मीटर एयर रायफल में गोल्ड मेडल जीता था। इसके बाद इसी प्रतियोगिता में लंदन ओलंपिक 2012 में गगन नारंग ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था। मेडल जीतने के बाद कुसाले ने कहा कि मैं इस समय बहुत भावुक महसूस कर रहा हूं। यह मेडल मेरे लिए बहुत मायने रखता है। यह गोल्ड नहीं है लेकिन मैं खुश हीं कि मैंने एक मेडल अपने नाम किया। ओलंपिक मेडल जीतना मेरा हमेशा से सपना था। बता दें कि कुसाले पहले 15 शॉट्स के बाद 153.3 पॉइंट्स के साथ Kneeling Position में छठे स्थान पर थे। लेकिन, Prone Position में तीन सीरीज और Standing Position में 2 सीरीज में शानदार प्रदर्शन ने उन्हें स्टेज 1 की समाप्ति पर तीसरे स्थान पर पहुंचा दिया।
इतिहास रचने के बाद बताए जीत के दो सीक्रेट
स्टेज 2 में हर शॉट के बाद एक प्रतियोगी के एलिमिनेशन के साथ कुसाले ने अपने अगले तीन शॉट्स में 10.5, 9.4 और 9.9 पॉइंट्स स्कोर किए। इस तरह उन्होंने टॉप तीन में अपनी दावेदारी बनाए रखी और ब्रोंज मेडल अपने नाम कर लिया। इस ऐतिहासिक पल के बाद कुसाले ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि मेडल जीतने के बाद बहुत अच्छा लग रहा है। धड़कनें तेज हैं। नीलिंग पोजिशन में कमजोर शुरुआत के बाद शानदार कमबैक को लेकर कुसाले ने बताया कि उन्होंने 2 काम किए थे। उन्होंने कहा कि पहला, खेल के दौरान मैंने अपनी ब्रीदिंग पर फोकस किया। दूसरा, मेरे कुछ कीवर्ड्स हैं मैं उन्हें रिपीट कर रहा था। जब भी मुझे शॉट बदलना था तब मैं अपनी सांस पर फोकस कर रहा था। एलिमिनेशन राउंड में भी यही किया। न मेरे दिमाग में स्कोर था न कुछ और। जो कुछ इतने साल से करता आ रहा था मैंने बस वही किया।