10वीं-12वीं में फेल फिर ऐसे बनी IAS, अंजू शर्मा की कहानी UPSC के हर एस्पिरेंट्स को जाननी चाहिए

Anju sharma

IAS बनने का सपना हर साल लाखों लोग देखते हैं लेकिन उन लाखों लोगों में से कुछ गिने-चुने लोग ही अपने सपने को साकार कर पाते हैं। आज कई युवा ऐसे हैं जो बार-बार की असफलताओं से घबराकर आगे बढ़ना ही छोड़ देते हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं, जो हार नहीं मानते और आगे बढ़ते रहते हैं। आखिरकार एक दिन सफलता उन्हें मिल ही जाती है। इन्हीं में शामिल हैं आईएएस अंजू शर्मा (IAS Anju Sharma). जो हाईस्कूल-इंटरमीडिएट में फेल हो गई थीं। लेकिन हार मानने की बजाय खुद को साबित करने निकल पड़ीं। पहले ही अटेम्प्ट में सिविल सर्विस एग्जाम पास कर IAS ऑफिसर बन गईं। आइए जानते हैं आईएएस अंजू शर्मा की सफलता की कहानी..

प्री-बोर्ड और 12वीं में फेल

आईएएस अंजू शर्मा (Anju Sharma) 10वीं प्री-बोर्ड परीक्षा में फेल हो गईं थीं। 12वीं के बोर्ड एग्जाम में इकोनॉमिक्स को वे पास कर सकीं। हालांकि, बाकी के सब्जेक्ट्स में उन्‍हें डिस्टिंक्शन मिली थी। अंजू शर्मा ने बताती हैं कि लोग आपको आपकी सफलता के बारे में याद करते हैं न कि असफलताओं के बारे में. वे आगे बताती हैं कि फेल जाने के बाद ही उनके लिए आगे का रास्ता खुला।

प्री-बोर्ड के बाद घबराई थीं

वे बताती हैं कि प्री-बोर्ड परीक्षा में तैयारी न होने की वजह से मैं घबराई, मुझे लगा कि मैं फेल हो जाऊंगी। आसपास के लोग भी अक्सर यही बोलते थे कि 10वीं के रिजल्ट के बाद ही आगे की पढ़ाई डिसाइड की जाती है। मतलब, जैसी शुरुआत होगी, उसी हिसाब से करियर के बारे में सोचना होगा।

मां ने दिया पूरा सपोर्ट

अंजू शर्मा आगे बताती हैं कि उस समय उनकी मां ने ही सबसे बड़ा सपोर्ट दिया और हमेशा बेहतर करने की कोशिश करने को बोला। इसके बाद से उन्होंने शुरुआत से ही परीक्षा की तैयारी में जुट जाने का फैसला लिया।

गोल्ड मेडलिस्ट बनीं

इसके बाद अंजू शर्मा अपने कॉलेज में गोल्ड मेडल भी जीतीं. उन्होंने जयपुर से बीएससी (B.Sc.) और एमबीए (MBA) की पढ़ाई पूरी की। इन्हीं कोशिशों के साथ उन्‍होंने पहली कोशिश में ही यूपीएससी परीक्षा (UPSC) पास कर ली। टॉप लिस्ट में शामिल होने की वजह से पहले प्रयास में ही वो IAS अफसर बन गईं।

गुजरात कैडर की बनीं IAS

अंजू शर्मा गुजरात कैडर की आईएएस अधिकारी हैं। उन्‍होंने साल 1991 में राजकोट से अपने करियर की शुरुआत की। उस समय वे सहायक कलेक्टर बनी थीं। फिलहाल, वे गांधीनगर में शिक्षा विभाग (उच्च और तकनीकी शिक्षा), सचिवालय में प्रधान सचिव के पद पर काम कर रही हैं। अंजू शर्मा गांधीनगर की जिला कलेक्टर भी रह चुकी हैं।

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