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मधेपुरा में फर्जी नियोजित शिक्षक गिरफ्तार, फर्जी सर्टिफिकेट पर 17 साल से कर रहा था नौकरी

BySumit ZaaDav

दिसम्बर 4, 2023
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बिहार के मधेपुरा जिले के कुमारखंड पुलिस ने थाना क्षेत्र के बिशनपुर कोड़लाही गांव में छापेमारी कर फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहे नियोजित शिक्षक को गिरफ्तार किया है. इससे पहले जांच के दौरान शिक्षक का सर्टिफिकेट फर्जी पाया गया था. बता दें कि पटना हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा था, जो भी फर्जी शिक्षक हैं, स्वेच्छा से रिजाइन कर दें तो उनपर कोई कार्रवाई नहीं होगी. जो नहीं करेंगे अगर जांच में फर्जी पाए जाएंगे तो सख्ती से कार्रवाई होगी. फिलहाल शिक्षक को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

मधेपुरा में फर्जी नियोजित शिक्षक गिरफ्तार : कोर्ट के आदेश के बावजूद विकास कुमार सिंह ने रिजाइन नहीं किया था. इस मामले को लेकर कुमारखंड थानाध्यक्ष उदय कुमार ने बताया कि निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना के पुलिस निरीक्षक शहनवाज रिजवी के आवेदन पर दर्ज एफआईआर के आधार पर फर्जी अंक पत्र पर शिक्षक बने विकास कुमार सिंह पर कार्रवाई की गई है।

“नियोजित शिक्षक विकास कुमार सिंह पर दर्ज मामले के मद्देनजर उसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. वह फर्जी अंक पत्र बनाकर बहाल हो गया था.”- थानाध्यक्ष

कोड़लाही उत्क्रमित मध्य विद्यालय में पदस्थापित:जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना मधेपुरा द्वारा उपलब्ध कराए गए फोल्डर अवलोकन में पाया गया कि नियोजित पंचायत शिक्षक विकास कुमार सिंह जो कुमारखंड थाना क्षेत्र के कोड़लाही उत्क्रमित मध्य विद्यालय में पदस्थापित हैं. उनका नियोजन वर्ष 2006 में पंचायत शिक्षा मित्र के रूप में हुआ था. उच्च न्यायालय पटना के द्वारा निर्धारित एमनेस्टी पीरियड में त्यागपत्र समर्पित नहीं किया गया था।

फर्जी अंक पत्र बनाकर बना शिक्षक:नियोजित शिक्षक विकास कुमार सिंह का इंटर अंक पत्र रोल कोड 6305, रोल नंबर 10067 वर्ष 1996, प्राप्तांक 607 है और वे प्रथम श्रेणी विज्ञान संकाय से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना का अभ्यर्थी था. अंक पत्र के सत्यापन के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को भेजा गया. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने सत्यापन प्रतिवेदन में नियोजित शिक्षक विकास कुमार सिंह का रोल कोड 6305, रोल नंबर 10068, वर्ष 1996, प्राप्तांक 220 है और परिणाम अनुत्तीर्ण दर्ज है।

जांच के लिए अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति:बता दें कि पटना उच्च न्यायालय द्वारा जनहित याचिका सीडब्लूजेसी संख्या 15459/14 में पारित आदेश के आलोक में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो मुख्यालय पटना द्वारा निगरानी जांच संख्या बीएस 08/15 पंजीकृत करते हुए नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक अंक पत्र व प्रमाण पत्रों की जांच के लिए अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है. ये अधिकारी लगातार सभी नियोजित शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं।


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