जमुई जिले के चंद्रमंडीह थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना का खुलासा हुआ है. गंगटी गांव के निवासी रमेश यादव ने अपने बेटे के अपहरण की झूठी शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी और तत्परता से इस साजिश का पर्दाफाश हो गया.
अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) राजेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 20 दिसंबर को रमेश यादव ने अपने बेटे रंजीत यादव के अपहरण की शिकायत चंद्रमंडीह थाना में दर्ज कराई. रमेश ने अपने ही सहोदर भाई और कुछ अन्य परिजनों पर अपहरण का आरोप लगाया. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर एसडीपीओ के नेतृत्व में एक विशेष छापेमारी दल का गठन किया गया. इस टीम ने गुप्त सूचना, सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी सहायता का उपयोग करते हुए 24 घंटे के भीतर बिराजपुर से रंजीत यादव को सुरक्षित बरामद कर लिया. जांच के दौरान रंजीत यादव ने खुलासा किया कि यह पूरी योजना उसने अपने पिता रमेश यादव के साथ मिलकर बनाई थी. इसका उद्देश्य अपने ही परिजनों को झूठे मामले में फंसाकर परेशान करना था.
एसडीपीओ राजेश कुमार ने बताया कि पुलिस की सतर्कता और सही दिशा में जांच के चलते एक निर्दोष परिवार को झूठे मुकदमे से बचा लिया गया. उन्होंने इस अभियान में शामिल पुलिसकर्मियों की सराहना की. जिनमें चंद्रमंडीह थानाध्यक्ष सुबोध यादव, अवर निरीक्षक दीपक कुमार, सन्नी कुमार, हवलदार राम सुंदर बास्की, सिपाही पप्पू कुमार और धनजीव यादव सहित तकनीकी टीम और सशस्त्र बल के सदस्य शामिल थे. इस घटना से यह स्पष्ट हो गया कि झूठे मामलों की साजिश रचने वालों के खिलाफ पुलिस पूरी सतर्कता और तेजी से कार्रवाई करती है. एसडीपीओ ने जनता से अपील की कि वे पुलिस का सहयोग करें और किसी भी झूठी जानकारी से बचें, क्योंकि इससे निर्दोषों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस घटना ने पुलिस की तत्परता और तकनीकी दक्षता को साबित कर दिया है, जिससे आम जनता में पुलिस के प्रति विश्वास और मजबूत हुआ है.