पंजाब-हरियाणा सीमा पर दो प्रदर्शन स्थलों में से एक खनौरी बॉर्डर पर झड़प में एक प्रदर्शनकारी की मौत तथा लगभग 12 पुलिसकर्मियों के घायल होने के बाद किसान नेताओं ने बुधवार को ‘दिल्ली चलो’ मार्च दो दिन के लिए स्थगित कर दिया। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने शंभू सीमा पर संवाददाताओं से कहा कि वे शुक्रवार शाम को आगे की रणनीति तय करेंगे। वहीं, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि हमें बातचीत करने में कोई दिक्कत नहीं है। वे हमारे अन्नदाता हैं।
किसान संगठन तय करेंगे आगे की रणनीति
किसान संगठनों का कहना है कि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित अपनी मांगों को लेकर हजारों किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले रहेंगे। पंढेर ने कहा कि किसान खनौरी बॉर्डर पर घटनाक्रम की समीक्षा करेंगे, जहां हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प के बाद एक किसान की मौत हो गई। उन्होंने कहा, ”हम खनौरी घटना की समीक्षा करने के बाद अगली रणनीति तय करेंगे। दिल्ली मार्च दो दिन तक स्थगित रहेगा।
हरियाणा पुलिस की आलोचना
बातचीत के लिए केंद्र के निमंत्रण के मुद्दे पर पंढेर ने कहा कि किसानों ने एमएसपी मुद्दे के समाधान के लिए बैठक आयोजित करने की मांग रखी थी। पंधेर ने शंभू और खनौरी सीमा पर किसानों के खिलाफ ‘बल’ प्रयोग करने के लिए केंद्र और हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों की आलोचना की। पंढेर ने कहा कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल स्थिति का जायजा लेने के लिए खनौरी गए हैं। उन्होंने सरकार पर किसानों के आंदोलन को पटरी से उतारने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
हरियाणा में इंटरनेट बैन 23 फरवरी तक बढ़ा
वहीं, हरियाणा सरकार ने किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च के मद्देनजर बुधवार को सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट और एक साथ कई संदेश (एसएमएस) भेजने की सेवाओं पर प्रतिबंध 23 फरवरी तक बढ़ा दिया। सरकार ने एक आदेश में कहा कि अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध रहेगा।
यूपी सरकार बनाएगी समिति
वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे गौतम बुद्ध नगर के किसानों के मुद्दों पर विचार करने के लिए बुधवार को एक समिति गठित करने का आदेश दिया। अपनी मांगों पर दबाव बनाने के लिए स्थानीय किसान समूहों द्वारा पैदल दिल्ली कूच करने की धमकी दिए जाने के बाद देर रात यह घोषणा की गई। इससे पहले आठ फरवरी को दिल्ली कूच की असफल कोशिश की गई थी।
किसान समूह स्थानीय प्रशासन और एनटीपीसी द्वारा पहले अधिगृहीत की गई जमीन के एवज में मुआवजे में वृद्धि एवं विकसित भूखंड की मांग कर रहे हैं। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद के अध्यक्ष की अगुवाई वाली यह समिति प्रदर्शनकारी किसानों के मुद्दों पर चर्चा करेगी और सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी।