MSP के मुद्दे पर फिर दिल्ली जाएंगे किसान, चंडीगढ़ में 3 केंद्रीय मंत्रियों संग हुई मीटिंग

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न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP ) की गारंटी को लेकर पंजाब के किसान फिर से दिल्ली में कूच करने की तैयारी कर रहे हैं. किसान फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी सरकार से चाहते हैं. पंजाब के हर गांव में किसान एकजुट होकर दिल्ली निकलने के लिए तैयार हैं. 2020 में किसान आंदोलन की तपिश दिल्ली और देश ने महसूस की थी. तब 378 दिन तक किसान आंदोलन चला था.

दिल्ली हरियाणा से सटे बॉर्डर पर किसानों कैसे बैठे थे. तब टोल भी फ्री हो गया था क्योंकि किसानों ने टोल प्लाजा पर भी कब्जा कर लिया था. अब किसान फिर आ रहे हैं. इसलिए हरियाणा में ही उन्हें रोकने की तैयारी है. हरियाणा सरकार ने उनकी एंट्री रोकने का इंतजाम शुरू कर दिया है. सड़कों पर बैरिकेडिंग और निगरानी के लिए मोर्चे तय किए जा रहे हैं.

केंद्र सरकार ने बातचीत के लिए भेजे तीन मंत्री

हालांकि केंद्र सरकार ने अन्नादाता के आक्रोश को शांत करने का जिम्मा अपने तीन बड़े मंत्रियों को सौंपा है. कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल, गृह राज्य मंत्री नित्यानन्द राय ने किसान नेताओं से चंडीगढ़ में मुलाकात की है. इसके साथ ही इन नेताओं की मुख्यमंत्री भगवंत मान से भी बात हुई.

किसान नेताओं ने क्या कहा?

इन लोगों का कहना है कि केंद्रीय मंत्रियों ने MSP के समर्थन हमारी दलीलों को सुना है और कहा है कि दिल्ली में इस बारे में उन्हें बात करनी पड़ेगी. अगर 13 तक कोई दोबारा बात होती है तो अलग बात है मगर फिलहाल 13 फरवरी का हमारा दिल्ली कूच का कार्यक्रम रहेगा.

सीएम भगवंत मान ने क्या कहा?

राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि कुछ मुद्दों पर सहमति बनी है पर बातचीत आज भी जारी रहेगी. एमएसपी के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्रियों ने कहा कि ये पॉलिसी डिसीजन है और यहां कुछ कमिट नहीं कर सकते क्योंकि इसके लिए दिल्ली में बात करनी पड़ेगी.

Rajkumar Raju: 5 years of news editing experience in VOB.
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