भारतीय खेती में अब आधुनिक कृषि यंत्रों/मशीनों का प्रयोग बढ़ता ही जा रहा है। आज छोटे से छोटा किसान भी चाहता है कि उसके पास आधुनिक खेती की मशीनें हो जिससे वह अपने खेतीबाड़ी के काम को कम समय में पूरा कर सके। कृषि यंत्र अनुदान योजना की सूची में अब कृषि ड्रोन को भी शामिल कर लिया गया है। कृषि ड्रोन का उपयोग मुख्य रूप से फसलों पर कीटनाशक छिड़काव के लिए किया जाता है। खास बात तो यह है कि किसानों को कृषि ड्रोन की खरीद पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है।
ऐसे में किसान करीब आधी कीमत पर खेती के लिए ड्रोन का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से किसानों को कृषि ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। क्षेत्र के जो किसान सब्सिडी पर कृषि ड्रोन की खरीद करना चाहते हैं, उन्हें ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण प्राप्त करना जरूरी होगा। वे इस योजना के तहत आवेदन करके सस्ती कीमत पर कृषि ड्रोन की खरीद कर सकते हैं और इसे चलाने का प्रशिक्षण भी प्राप्त कर सकते हैं।
किसानों को कृषि ड्रोन खरीदने पर सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा। योजना के तहत व्यक्तिगत श्रेणी के अंतर्गत लघु, सीमांत, महिला किसानों, अनुसूचित जाति के किसानों को सब्सिडी दी जाएगी जिसमें उन्हें 10 लाख की कीमत के ड्रोन का 50 प्रतिशत यानी 5 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा। कस्टम हायरिंग केंद्र के संचालकों हेतु कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) के लिए जिन आवेदकों अथवा उनके प्रतिनिधियों के पास ड्रोन पायलट के वैध लाइसेंस नहीं हैं और यदि वे यंत्र की कीमत का 40 प्रतिशत अधिकतम 4 लाख रुपए की राशि से यंत्र की कीमत का 75 प्रतिशत अधिकतम 7 लाख 50 हजार रुपए अनुदान दिया जाएगा।
जिन आवेदकों अथवा उनके प्रतिनिधियों के पास ड्रोन पायलट के वैध लाइसेंस नहीं है और वे प्रशिक्षण प्राप्त कर इसे लेना चाहते हैं, उन्हें विभागीय प्रशिक्षण केंद्र में ड्रोन पायलट लाइसेंस प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया जा सकता है। प्रशिक्षण में उत्तीर्ण होने पर चयनित आवेदकों या उनके प्रतिनिधियों को अनुदान पर किसान ड्रोन खरीदने की पात्रता होगी।
ड्रोन खरीदने के लिए आवेदक या उसके प्रतिनिधि के पास ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण होना जरूरी है। प्रशिक्षण की व्यवस्था भी विभाग की ओर से की गई है। प्रशिक्षण के लिए अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास होना आवश्यक है। ड्रोन उड़ाने के प्रशिक्षण के लिए 30,000 रुपए जीएसटी अतिरिक्त का शुल्क निर्धारित किया गया है।
उपरोक्त शुल्क में से 50 प्रतिशत या अधिकतम 15 हजार रुपए एवं जीएसटी अभ्यर्थी को स्वयं वहन करना होगा और शेष 50 प्रतिशत राशि शासन द्वारा वहन की जाएगी। उपरोक्त आवासीय प्रशिक्षण 7 दिवस का होगा। इसमें 5 दिन डीजीसीए द्वारा निर्धारित प्रशिक्षण दिया जाएगा एवं 2 दिन कृषि ड्रोन संचालन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान रहने और खाने की व्यवस्था नि:शुल्क रहेगी।
ड्रोन प्रशिक्षण के लिए कहां करना होगा आवेदन
जो आवेदक या प्रतिनिधि ड्रोन उड़ाने के प्रशिक्षण में भाग लेना चाहते हैं, उन्हें अपना ऑनलाइन आवेदन करने के लिए सबसे पहले वेबसाइट www.mpdage.org पर विजिट करना होगा। यहां कौशल विकास का चयन कर अपनी जानकारी एवं दस्तावेज अपलोड करना होगा।
संबंधित कौशल विकास केंद्र के अधिकारी द्वारा पंजीकृत आवेदक के दस्तावेजों की जांच कर सत्यापन किया जाएगा और अभ्यर्थियों का चयन बैच की उपलब्धता के अनुसार किया जाएगा। प्रशिक्षण प्रारंभ होने के पहले संबंधित आवेदक को सूचित किया जाएगा। आवेदक या प्रतिनिधि को उपस्थिति के समय अपलोड किए गए दस्तावेजों की कॉपी को मूल दस्तावेज के साथ मिलान करना होगा। किसी प्रकार की विसंगति पाई जाने पर संबंधित आवेदक या प्रतिनिधि को प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए अपात्र घोषित किया जा सकेगा।