पिता करते है टाइल्स मार्बल लगाने का काम, बेटा बना बिहार बोर्ड का टॉपर, कहा- IAS अधिकारी बन कर ही दम लूंगा

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बिहार बोर्ड ने हाल ही में अपनी दसवीं बोर्ड की परीक्षाओं के परिणाम घोषित कर दिए हैं। ऐसा माना जा रहा था कि पिछले साल कोरोना महामारी के चलते इस बार नतीजे ज़्यादा अच्छे नहीं होंगे। लेकिन हुआ इसके बिल्कुल उलट। इसी बार इस बात का अहसास हुआ कि कैसे लोग संसाधनों के अभाव में भी संघर्ष करना नहीं छोड़ते।

इस बार बिहार बोर्ड की परीक्षा में लोगों के घर टाइल्स मार्बल लगाने का काम करने वाले मिस्त्री के बेटे ने पूरे बिहार में दूसरा स्थान हासिल किया है। किसी को कोई उम्मीद भी नहीं थी कि ऐसी विपरीत परिस्थिति में कोई मामूली से मिस्त्री का बेटा बोर्ड में अव्वल स्थान पर आ जाएगा। लेकिन मिस्त्री के इस लाल ने ऐसा करके दिखाया है।

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इस बार की बिहार बोर्ड की दसवीं की परीक्षा में पवन कुमार ने दूसरा स्थान हासिल किया है। उन्होंने कुल 483 नंबर हासिल किए हैं। पवन कुमार बेहद ही गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता नन्दलाल मोती जहाँ लोगों के घरों में टाइल्स लगाने का काम करते हैं। तो वहीं उनकी माता बबीता देवी घर का काम काज संभालती हैं। गरीब परिवार से होने के बावजूद पवन ने अपनी मेहनत के बलबूते कभी ख़ुद पर ग़रीबी को हावी नहीं होने दिया। यही वज़ह है कि आज पूरे देश के लिए पवन कुमार उदाहरण बन गए हैं।

पिता करते हैं टाइल्स मार्बल लगाने का काम

हम अक्सर सोचते हैं कि टाॅप करने वाले विद्यार्थी हमेशा वही होते होंगे, जिनके कई ट्यूशन लगे होते होंगे, उनके पास ख़ूब पैसा होता होगा। घर पर सभी सुख सुविधाओं होती होंगी। लेकिन पवन के साथ ऐसा कुछ भी नहीं था। उनके पिता लोगों के घरों में मामूली-सा टाइल्स मार्बल लगाने का काम करते थे। जिससे बहुत कम आमदनी होती थी। ऐसे में जब से उनके पिता को ये पता चला है कि उनके बेटे ने बिहार बोर्ड की परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल किया है। तो मानो उनका सीना गर्व से चौड़ा हो गया है।

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पवन बनना चाहता है IAS अधिकारी

पवन चाहते हैं कि वह इस देश को अपनी सेवाएँ एक दिन बतौर IAS अधिकारी के तौर पर दें। उन्होंने अपनी शुरुआती स्कूली पढ़ाई सरस्वती शिशु मंदिर पंडारक से की है। इसके बाद उन्होंने पूर्णांक विद्या मंदिर में दाखिला ले लिया। यहाँ उन्होंने कठिन परिश्रम किया और नतीजा बिहार बोर्ड के नतीजों में अपना अलग से झंडा गाड़ दिया। वह आगे चलकर यूपीएससी की तैयारी करना चाहते हैं। जिसके लिए अभी से वह रोजाना पांच घंटे की नियमित पढ़ाई करते हैं।

गांव वालों ने घर आकर दी बधाई

पवन की माताजी ने बताया कि उनका बेटा घर पर ही दिनभर पढ़ाई करता था। लेकिन जैसे ही उन्हें पता लगा कि पवन ने बोर्ड परीक्षा में टॉप कर दिया है, तो मानो गाँव वालों का घर पर जमावड़ा-सा लग गया। हर कोई परिवार को इस ख़ुशी के पल में बधाई देना चाहता था। लोगों को इस तरह उनके घर बधाई देते हुए देखकर पवन के पिताजी बहुत खुश हुए।

Kumar Aditya

Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.

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