छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में सकरी के गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल की छात्रा प्रिया साहू ने दसवीं बोर्ड की परीक्षा में टॉप टेन में जगह बनाई है. प्रिया के पिता इतवारी राम साहू ऑटो चालक हैं. दरअसल, लोरमी क्षेत्र के सरिसताल निवासी इतवारी के 3बच्चे हैं, जिनमें प्रिया बड़ी है. वह अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए ही बिलासपुर आकर ऑटो चलाते है और किराए के मकान में रहते है.
प्रिया ने एक छोटे से कमरे में रहकर अपनी पढ़ाई की है. प्रिया बताती है कि कामयाबी को हासिल करने में प्रॉब्लम तो होती थी. स्ट्रगल भी था पर ऐसी सफलताओं का क्या नाम लूं जिसमें स्ट्रगल ना हो. स्ट्रगल होता था. सभी हेल्प करते थे और साथ देते थे. टैलेंट कुछ नहीं होता है.
अगर वक्त पर कोई इंसान साथ देता है तो सब हो जाता है और उन्हें साथ मिला है उनकी टिचर, माता-पिता और परिवार के लोगों का. कम अंक आए हो या फिर परीक्षा में फेल हो गए हो तो उन्हें एक ही सलाह देना चाहूंगी कि उन्हें किसी भी तरह से गलत कदम नहीं उठानी चाहिए.
फेल होने के बाद इंसान बहुत कुछ आगे सीख जाता है. प्रिया का मूल मंत्र है सीखोगे तो जीतोगे. अगर आप कहीं फेल हो गए हो तो सीखो कि आखिर आपकी कमी रह गई है और उसे इंप्रूव कर अगला स्टेप चलो. उसमें अपने आप को चोट पहुंचाने की जरूरत नहीं है. अगर मन लगाकर 4 घंटे रोजाना आप पढ़ लिए तो सफलता आपको मिल जाएगी और यही रूटीन प्रिया ने भी अपना रखा था.
प्रिया कहती है कि ऐसा नहीं होता कि सरकारी स्कूल का बच्चा टॉपर नहीं हो सकता है. मैंने ऐसा कर दिखाया है. कक्षा1 से लेकर अब तक मैं सरकारी स्कूल से ही पढ़ाई की है और हमेशा मेरा अच्छा मार्क्स रहा है. प्रिया इंजीनियरिंग के फील्ड पर जाना चाहती है यही वजह है कि JEE और आईआईटी के साथ वह शुरुआत कर चुकी है.
प्रिया के पिता इतवारी साहू ऑटो रिक्शा चलाते परिवार की अन्य जरूरतों के अलावा अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए दिन रात मेहनत करते है. इतवारी साहू कहते है कि उन्हें गर्व है उनकी बच्ची पर. कड़ी मेहनत कर उसने अच्छे परसेंट लेकर आई है.
बिटियां इंजीनियरिंग करना चाहती है. मेरा भी सपना था कि मैं इंजीनियर बनू लेकिन अब यह सपना मेरी बिटिया पूरा करेगी. उसके पढ़ाई के लिए किताबें और अच्छी कोचिंग के लिए कड़ी मेहनत करेंगे ताकि इंजीनियरिंग का सपना प्रिया का और मेरा पूरा हो सके..