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सबसे बड़े अस्पताल के पास भीषण लड़ाई, बिजली सप्लाई ठप; गाजा बना नरक

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इजराइल गाजा पर खतरनाक हमले कर रहा है। हालात इतने बुरे हैं कि हजारों लोग गाजा के मुख्य अस्पताल में फंसे हुए हैं। इसी बीच गाजा पट्टी के सबसे बड़े अस्पताल के भीतर से शिशुओं और अन्य लोगों को निकालने में मदद करने के इजराइल के दावों को अस्पताल के अधिकारियों व कर्मचारियों ने खारिज कर दिया है। अस्पताल में फंसे स्वास्थ्य अधिकारियों और अन्य लोगों ने कहा कि अस्पताल के ठीक बाहर इजराइली सेना भीषण लड़ाई लड़ रही है।

स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि बिजली आपूर्ति ठप होने और आवश्यक सामग्री की उपलब्धता घटने से हजारों चिकित्साकर्मी, मरीज परेशान हो रहे हैं। वहीं अस्पताल में शरण लेने वाले विस्थापित गोलीबारी की वजह से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। इन अधिकारियों ने कहा कि नवजात शिशुओं के इन्क्यूबेटर भी बिजली के अभाव में काम नहीं कर रहे हैं। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संघर्ष-विराम की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय अपील को खारिज कर दिया तथा कहा कि संघर्ष-विराम तभी संभव है, जब गाजा में हमास द्वारा बंधक बनाए गए सभी 240 लोगों को मुक्त किया जाएगा।

इजराइल ने लगाया यह आरोप, तो हमास ने किया इनकार

गाजा में हमास के 16 साल के शासन को “पूरी ताकत” से खत्म करने के इजराइली प्रधानमंत्री के संकल्प के बाद गाजा शहर में रहने वाले स्थानीय लोगों ने शिफा अस्पताल के आसपास के इलाकों समेत विभिन्न इलाकों में रातभर हवाई हमले और गोलीबारी होते रहने की जानकारी दी। इजराइल ने प्रमाण दिए बिना, हमास पर अस्पताल परिसर के अंदर और नीचे एक कमान पोस्ट बनाने का आरोप लगाया है। वहीं, हमास और अस्पताल के कर्मचारियों ने इन आरोपों से इनकार किया है। उधर, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि शिफा में अब भी 1500 मरीज हैं, साथ ही 1,500 चिकित्सा कर्मी और शरण लेने वाले 15,000 से 20,000 लोग भी वहां हैं।

जेनरेटर का ईंधन खत्म हुआ, तो 3 नवजात शिशुओं सहित 7 ​की मौत

अस्पताल में शरण लिए हुए एक स्थानीय नागरिक अहमद अल-बोरश ने कहा, ‘वे बाहर हैं, लेकिन ज़्यादा दूर नहीं हैं।’ स्वास्थ्य मंत्रालय मुताबिक, शनिवार को अस्पताल के आखिरी जेनरेटर का ईंधन खत्म होने के कारण, समय से पहले जन्मे तीन शिशु और चार अन्य मरीजों की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि बिजली नहीं होने के कारण 36 और बच्चों की जान जाने का खतरा उत्पन्न हो गया है। इजराइल की सेना का दावा है कि उसने समय से पहले जन्मे बच्चों के लिए इनक्यूबेटरों को बिजली देने वाले एक आपातकालीन जेनरेटर के वास्ते रात भर शिफा अस्पताल के पास 300 लीटर (79 गैलन) ईंधन रखा और अस्पताल के अधिकारियों के साथ समन्वय किया। लेकिन इजराइली सेना ने कहा कि हमास ने अस्पताल को ईंधन लेने से रोक दिया।

100 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला गया

स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता, अशरफ अल-किद्रा ने अल जजीरा को बताया कि जेनरेटर को एक घंटे तक चलाने के लिए भी ईंधन पर्याप्त नहीं होगा। उन्होंने कहा कि “यह मरीजों और बच्चों के साथ एक क्रूर मजाक है।” नेतन्याहू ने ‘सीएनएन’ से बात करते हुए कहा कि शिफा अस्पताल से ‘100 या उससे अधिक’ लोगों को निकाला गया है और इजराइल ने सुरक्षित गलियारे बनाए हैं, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय के अवर सचिव मुनीर अल-बोरश ने कहा कि इजरायली स्नाइपर्स शिफा के आसपास तैनात हैं, जो किसी भी गतिविधि के बाद गोलीबारी कर रहे हैं।

इतने घबराए हुए हैं लोग कि खिड़की से सिर तक बाहर नहीं निकाल रहे

उन्होंने अल जजीरा को बताया, “घरों में घायल लोग पड़े हैं, और हम उन तक नहीं पहुंच सकते। हम खिड़की से अपना सिर तक बाहर नहीं निकाल सकते।” इजराइली सेना ने कहा था कि वह रविवार को शिशुओं को ले जाने में सहायता करेगी और वह अस्पताल के कर्मचारियों के संपर्क में है। हालांकि, यूके स्थित एक चैरिटी ने शिफा अस्पताल की नवजात गहन देखभाल इकाई (आईसीयू) की मदद की। यह संस्था फिलिस्तीनियों के लिए चिकित्सा सहायता मुहैया करवा रही है। वार्ड के अनुसार, एकमात्र विकल्प यह है कि इजराइल हमला रोके और अस्पताल में ईंधन जाने की अनुमति दे।


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Kumar Aditya

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