वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 को पेश किया। बजट से पहले संसद में पेश होने वाला यह दस्तावेज बहुत अहम है। इससे देश की आर्थिक हालत का पता चलता है। पढ़िए आर्थिक सर्वेक्षण की बड़ी बातें –
आर्थिक सर्वेक्षण की बड़ी बातें –
NHAI के 33 एसेट्स की पहचान
आर्थिक सर्वेक्षण में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप पर जोर दिया गया है। साफ है कि आने वाले दिनों में इस पर काम बढ़ेगा। सरकार ने कहा है कि प्राइवेट सेक्टर का लाभ बढ़ा है। लेकिन रोजगार के मौके नहीं बढ़े हैं। सर्वेक्षण में कृषि पर फोकस बढ़ाने की बात कही गई है। साथ ही बिक्री के लिए NHAI के 33 एसेट्स की पहचान की गई है।
ग्रोथ रेट 7 प्रतिशत तक रहने का अनुमान
सर्वेक्षण में कहा गया है कि राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों के बावजूद इकोनॉमी की स्थिति अच्छी है। वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी की विकास दर 8.2 प्रतिशत रही। वहीं मौजूदा वित्तीय वर्ष में ग्रोथ रेट 6.5 प्रतिशत से 7 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है।
78.5 लाख नौकरियों की जरूरत
आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को कामगारों की जरूरत है। इसके लिए गैर कृषि क्षेत्र में हर साल 78.5 लाख नौकरियां पैदा करने की जरूरत है। सर्वे में कहा गया है कि नौकरी देने के मामले में कॉरपोरेट सेक्टर की भूमिका बढ़नी चाहिए।
अर्थव्यवस्था में सुधार
सर्वे में कहा गया है कि अर्थव्यवस्था में काफी सुधार हुआ है। कोरोना काल के बाद से वित्त वर्ष 2024 में जीडीपी 2020 के मुकाबले 20 प्रतिशत ज्यादा थी। ये एक ऐसी उपलब्धि थी जिसे कुछ ही अर्थव्यवस्थाएं हासिल कर पाई हैं।
खुदरा महंगाई कम होने का अनुमान
आर्थिक सर्वेक्षण में आरबीआई के हवाले से कहा गया है कि वित्तीय वर्ष में खुदरा महंगाई 4.5 फीसदी और वित्तीय वर्ष में यह 4.1 फीसदी रह सकती है। वहीं आईएमएफ ने 2024 में भारत में खुदरा महंगाई 4.6 फीसदी और 2025 में 4.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। विश्व बैंक ने 2024 और 2025 में वैश्विक कीमतों में गिरावट का अनुमान लगाया है।