किसी एक क्रेता से जब्त किए गए माल वाहक वाहन हिंदूजा लीलैंड फाइनेंस कंपनी ने दूसरे ग्राहक को बीच तो दिया लेकिन 7 साल बाद भी वाहन के दस्तावेज नहीं दिए। परेशान उपभोक्ता ने जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत की। इसके बाद मामले का निराकरण करते हुए जिला आयोग ने हिंदूजा लीलैंड फाइनेंस कंपनी को 3 लाख की क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया है। फाइनेंस कंपनी पर आयोग ने 50 हजार रुपए का जुर्माना भी ठोका है।
इस प्रकरण के मुताबिक जगदलपुर निवासी आशीष कोटक ने हिंदूजा लीलैंड फाइनेंस कंपनी से वर्ष 2016 में एक माल वाहक वहां खरीदा था। पूर्व में फाइनेंस कंपनी ने इस वाहन को किसी अन्य व्यक्ति को बेचा था। रकम जमा न होने पर उसे गाड़ी जब्त कर आशीष कोटक को बेच दिया गया। आशीष ने वाहन अपने नाम ट्रांसफर करने के लिए फाइनेंस कंपनी से वैधानिक दस्तावेजों की मांग की लेकिन कंपनी ने उसे दस्तावेज नहीं दिए।
फाइनेंस कंपनी द्वारा कोई सहयोग नहीं किए जाने से क्षुब्ध होकर आशीष ने जिला उपभोक्ता आयोग में अपनी शिकायत दर्ज कराई। मामले की सुनवाई करते हुए जिला उपभोक्ता आयोग ने माना कि फाइनेंस कंपनी द्वारा वाहन को पूर्व में विक्रय किए गए क्रेता से अवैध रूप से जब्त कर आवेदक को विक्रय किया गया था। साथ ही आवेदक को वाहन से संबंधित दस्तावेज प्रदान न कर सेवा में कमी एवं व्यवसायिक कदाचरण किया गया है।