युवक को तमंचा में जेल भेजने पर SHO व दरोगा सहित 3 सिपाही पर FIR

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ग्राम प्रधान व साथी के कहने पर बाइक में शॉकर डलवाने के बहाने दुकान से लाए गए ग्रामीण को तमंचे में जेल भेजने की घटना में इंस्पेक्टर, दरोगा और तीन सिपाही फंस गए। अपर पुलिस महानिदेशक के आदेश पर क्षेत्राधिकारी ने अपनी जांच में मामला पकड़ा गया। पुलिस अधीक्षक के आदेश पर पांचों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

सीओ राजेश कुमार द्विवेदी ने कोतवाली में तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक इंस्पेक्टर मनोज कुमार भाटी, दरोगा महेंद्र सिंह, सिपाही अंशुमन चाहर, राजनपाल व यशवीर सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। कहा कि पिपरगांव निवासी नंदू को आरोपियों ने 19 अगस्त को बरारिख रोड से तमंचा समेत गिरफ्तार दिखाकर जेल भेजा था। नंदू के भाई कृष्णकुमार की शिकायत पर एडीजी ने मामले की जांच करने के आदेश दिए थे। तत्कालीन सीओ अरुण कुमार ने जांच की थी। जिसमें पाया गया कि नंंदू को 18 अगस्त को दोपहर तीन बजे बाइक का शॉकर डलवाने के बहाने सिपाही यशवीर उसकी दुकान से लेकर आया था। इसके बाद उसे थाने में रखकर दूसरे दिन तमंचा में गिरफ्तारी दिखाकर जेल भेजा गया।

सीओ ने जब सिपाहियों के मोबाइल सीडीआर निकलवाई तो पिपरगांव के प्रधान कुंतेश यादव और अनिल ठाकुर के मोबाइल पर कई बार बात की गई। पीड़ि़त ने भी अपनी शिकायत में इन्हीं लोगों पर पुलिस से मिलकर झूठा फंसाने का आरोप लगाया था। सीओ की जांच में जब मामला सही पाया गया, तो एसपी के आदेश पर इंस्पेक्टर, दरोगा और तीन सिपाहियों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया।